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जम्मू-कश्मीर: जनजातीय समुदायों के लिए बनेंगे 200 स्मार्ट स्कूल, 21 हज़ार बच्चों को मिलेगी स्कॉलरशिप- LG

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ऑफिस के ट्वीटर हैंडल से कहा गया कि 40 करोड़ रुपये की लागत से 200 स्कूलों के आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में 100 स्कूलों के आधुनिकीकरण का कार्य मार्च 2022 तक तथा अन्य 100 स्कूलों के आधुनिकीकरण का कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश सरकार की 200 स्कूलों को आदिवासी समुदायों के लिए स्मार्ट स्कूलों में बदलने की महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की. करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने गद्दी, सिप्पी, गुज्जर, दर्द और शीना समुदायों के 21,000 बच्चों को स्कॉलरशिप दिए जाने को लेकर एक और बड़ा निर्णय लिया है जो पिछले 3 दशकों से इस सुविधा से वंचित थे.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जनजातीय समुदायों के लिए 200 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने की केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ऐतिहासिक पहल को समर्पित किया है. जनजातीय बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हमारी प्राथमिकता है.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ऑफिस के ट्वीटर हैंडल से कहा गया कि 40 करोड़ रुपये की लागत से 200 स्कूलों के आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में 100 स्कूलों के आधुनिकीकरण का कार्य मार्च 2022 तक तथा अन्य 100 स्कूलों के आधुनिकीकरण का कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा.

उपराज्यपाल ने कहा, “1991 में गद्दी, सिप्पी समुदाय को आदिवासी घोषित किया गया था लेकिन उनके बच्चों को स्कॉलरशिप से वंचित कर दिया गया था. तीन दशक तक वे सरकारों से संपर्क करते रहे लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. यह मामला कुछ दिन पहले मेरे संज्ञान में लाया गया था और हमने तुरंत फैसला किया कि गद्दी, सिप्पी, दर्द, शीना समुदायों के 21,000 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी.”

उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश में शैक्षिक सशक्तिकरण की नई शुरुआत के लिए आदिवासी समुदायों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता आदिवासी बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है. बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के साथ-साथ ड्रॉप-आउट दर को रोकने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में स्मार्ट स्कूल अहम भूमिका निभाएंगी.

उन्होंने ट्वीट किया, “आदिवासी समुदायों के सदस्य, पीआरआई प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठनों से जुड़े लोगों को स्मार्ट स्कूलों के प्रबंधन में शामिल किया जाए ताकि ये स्कूल हमारे समाज में बदलाव लाने वालों की भूमिका निभा सकें.”

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जब लोग आपस में जुड़ते हैं तो जीवन बदल जाता है. जीवन बदल जाता है जब सब कुछ जुड़ा हुआ होता है. आदिवासी शिक्षा योजना, छात्रवृत्ति, स्मार्ट स्कूल जम्मू-कश्मीर में आदिवासी समुदायों के साथ न्याय करेंगे जो दशकों से उपेक्षित थे.

इससे पहले एक अन्य कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दोगनी-तिगुनी रफ्तार से बन रही सड़कें केंद्र शासित प्रदेश में ढेर सारा विकास और संपदा लाएंगी. अब वह दिन दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर देश के विकसित राज्यों में शामिल होगा.

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