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दुर्गम आदिवासी बस्तियों में पहुंचा इंटरनेट

राज्य के आदिवासी कल्याण विभाग ने लगातार इन इलाकों का दौरा किया क्योंकि ऑनलाइन क्लास में हिस्सा न लेने की वजह से आदिवासी बच्चों के स्कूल छोड़ देने की दर बढ़ रही थी.

केरल के अनुसूचित जनजाति विभाग ने अंचुनाडु में 10 दुर्गम आदिवासी बस्तियों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचा दी है. इन बस्तियों के छात्र लंबे समय से इंटरनेट न होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नहीं ले पा रहे थे.

नौ आदिवासी बस्तियों में वाई-फाई सुविधा बीएसएनएल के फाइबर टू द होम इंटरनेट कनेक्शन से पहुंचाई गई है. ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के अलावा, छात्र नई सुविधा के माध्यम से सीधे अपने शिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं.

COVID-19 महामारी के शुरू होने के बाद से ही स्कूल और पढ़ाई ऑनलाइन मोड में चले गए थे. हालाँकि, ज्यादातर आदिवासी बस्तियाँ, ख़ासतौर से जो घने जंगलों के अंदर बसी हैं, बिना इंटरनेट और मोबाइल संपर्क के थीं.

राज्य के आदिवासी कल्याण विभाग ने लगातार इन इलाकों का दौरा किया क्योंकि ऑनलाइन क्लास में हिस्सा न लेने की वजह से आदिवासी बच्चों के स्कूल छोड़ देने की दर बढ़ रही थी.

आदिवासी विभाग कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर दुर्गम आदिवासी बस्तियां अंचुनाडु में हैं. अड़ीमाली के तहत 118 आदिवासी बस्तियां मोबाइल कवरेज से बाहर थीं.

बीएसएनएल के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि अड़ीमाली में तीन और अंचुनाडु में 10 बस्तियों को एफटीटीएच सुविधा से जोड़ा जा सकता है. इसके लिए हर बस्ती के लिए 10,892 रुपए आवंटित किए गए थे.

इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के साथ, इंटरनेट कनेक्टिविटी मरयूर ग्राम पंचायत में कम्मिटमकुझी, पट्टीकाडु, थीर्थमाला, कुलाचिवायल, पोंगमपिल्ली, चुराकुलम, मिशनवायल, डेंडुकोम्बु, मुनियारा और कोविलकडवु की कंथल्लूर ग्राम पंचायत अंचुनाडु में और अड़ीमाली के पास तीन बस्तियों में उपलब्ध होगी.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है)

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