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तमिलनाडु: अपनी बस्ती के लिए स्कूल की मांग को लेकर ग्रामीणों और छात्रों ने किया विरोध

ग्रामीण चाहते हैं कि गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम किया जाए, वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाए, सड़क समस्या का स्थायी समाधान हो.

सोमवार को इरोड जिले के विलानकोम्बई आदिवासी बस्ती में एक स्थायी प्राथमिक स्कूल की मांग और तमिलनाडु वन विभाग से 6 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत कार्य करने का आग्रह करते हुए ग्रामीणों, छात्रों और कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस और वन रेंज के सामने धरना प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन का आयोजन तमिलनाडु ट्राइबल पीपल एसोसिएशन और इसकी राज्य समिति के सदस्य वी.पी. गुणसेकरन, कदंबूर के. रामासामी एनजीओ के निदेशक, सुदर, एस.सी. नटराज के साथ किया.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उरली समुदाय से संबंधित 43 परिवार पीढ़ियों से टीएन पलायम पंचायत संघ के कोंगरपालयम पंचायत में घने जंगल क्षेत्र के अंदर स्थित एक बस्ती में रह रहे हैं. गांव में स्कूल न होने की वजह से विनोबानगर पहुंचने के लिए 30 छात्रों को 8 किलोमीटर जंगल के रास्ते होकर चार धाराओं को पार करना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि परिवहन सुविधाओं की कमी और खराब सड़क की स्थिति ने उन छात्रों को प्रभावित किया है जो पिछले दो सप्ताह से स्कूल नहीं जा पा रहे. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बारिश ने जंगल की सड़क को बेहद नुकसान पहुंचाया है जिससे उन्हें स्कूल ले जाने के लिए वाहनों का संचालन नहीं किया जा सका है.

इसलिए वे चाहते हैं कि गांव में एक स्थायी सरकारी प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि सड़क की मरम्मत का काम होने से बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए  वाहन के संचालन को फिर से शुरू करने में मदद करेगा.

वे यह भी चाहते हैं कि गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम किया जाए, वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाए, सड़क समस्या का स्थायी समाधान हो. बाद संबंधित अधिकारियों को याचिका दायर की.

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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