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तेलंगाना:अस्पताल ने एंबुलेंस देने से किया इनकार, बेटी के शव को बाइक पर लेकर गया आदिवासी परिवार

आदिवासी दंपति की बेटी वेट्टी सुक्की को एनकुर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने कहा कि लड़की की हालत गंभीर है और उसे खम्मम के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया.

तेलंगाना में अस्पताल ने एम्बुलेंस उपलब्ध कराने से मना कर दिया तो आदिवासी परिवार अपनी 3 साल की बच्ची के शव को 65 किलोमीटर दूर अपने घर बाइक से ले गया. ये मामला राज्य के खम्मम ज़िले का है. यहां मदर एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर (MCH) ने बच्ची के पिता को एम्बुलेंस उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया.

एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं होने पर पिता अपनी 3 साल की बेटी के शव को 65 किलोमीटर तक बाइक पर बिठाकर ले गया. ये आदिवासी परिवार खम्मम ज़िले के एनकूर मंडल के कोथामेडेपल्ली गांव से है.

जानकारी के मुताबिक, आदिवासी दंपति की बेटी वेट्टी सुक्की को एनकूर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने कहा कि लड़की की हालत गंभीर है और उसे खम्मम के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया. रविवार को इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई.

लड़की के पिता अपने पैतृक गांव पहुंचे और परिजनों को सूचना दी. बच्ची के शव को खम्मम सरकारी अस्पताल से न्यू मेडेपल्ली गांव ले जाने के लिए उसने गांव में अपने रिश्तेदारों से बाइक ली और फिर शव को अस्पताल से 65 किलोमीटर दूर अपने घर ले आया. बच्ची के परिजनों ने सरकारी मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि “अस्पताल के कर्मचारियों ने कोई दया नहीं दिखाई और शव को स्थानांतरित करने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने में विफल रहे.”

इस तरह की ये पहली घटना नहीं है…इससे पहले इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के पालघर जिले से भी इसी तरह का एक मामला देखने को मिला था. जब एक आदिवासी शख्स को अपने छह साल के बेटे के शव को मोटरसाइकिल पर घर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

दरअसल, अजय के पिता ने उसका शव 40 किलोमीटर दूर अपने घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन उनके पास इसके लिए ज़रूरी पैसे नहीं थे. मजबूरन उन्हें अपने बेटे के शव को अपनी मोटरसाइकिल पर घर ले जाना पड़ा.

निजी एम्बुलेंस चालकों द्वारा ज्यादा पैसों की मांग के चलते पालघर के अजय पारधी के शव को उसके पिता को एक मोटरसाइकिल पर घर ले जाना पड़ा था. मीडिया ये खबर आने के बाद, जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.

पालघर के आदिवासी इलाकों में मरीजों और पीड़ितों के शवों को लाने-ले जाने के लिए निजी एम्बुलेंस संचालक मोटी रकम वसूलते हैं.

(Photo Credit: India Today)

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