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मणिपुर के जिरीबाम में आदिवासी महिला के साथ रेप कर उसे घर में जिंदा जला डाला

पुलिस ने बताया कि मृतक ज़ोसांगकिम थीं, जो 3 बच्चों की मां थींं. वह घर में आग लगने के बाद उसकी चपेट में आकर बुरी तरह जल गई थीं. उनके शव की पहचान भी मुश्किल थी.

मणिपुर में जतीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. डेढ़ साल बाद भी राज्य के हालत सुधरे नहीं हैं. शुक्रवार को पुलिस ने बताया कि जिरीबाम जिले के गांव में उग्रवादियों ने करीब 10 घरों में आग लगाई है.

पुलिस ने बताया कि गुरुवार देर रात हथियारबंद उग्रवादियों ने आदिवासी बस्ती ज़ैरावन हमार गांव में कम से कम 10 घरों में आग लगाई गई, जिसमें एक महिला की जलकर मौत हो गई.

वारदात का आरोप मैतेई उग्रवादियों पर है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के जिरीबाम जिले में गुरुवार रात को 31 वर्षीय एक आदिवासी महिला, जो तीन बच्चों की मां है. उसपर हथियारबंद अपराधियों ने उसके घर पर हमला किया और उसके बाद उसे जला दिया.

पुलिस पीड़िता के अवशेषों को पड़ोसी राज्य असम के सिलचर में फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की प्रक्रिया में है.

वहीं एसपी (जिरीबाम) ने जिला मजिस्ट्रेट को बताया है कि इंफाल में पोस्टमार्टम की सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद राज्य में चल रहे जातीय संकट के कारण एनएच-37 के माध्यम से शव को जिरीबाम से इंफाल तक सड़क मार्ग से ले जाना बहुत असुविधाजनक है.

एसपी खमनम रॉबिनसन सिंह ने शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार को पत्र लिखकर पड़ोसी राज्य असम के सिलचर जिले में पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मांगी. क्योंकि जिरीबाम में ‘फॉरेंसिक मेडिसिन की उचित सुविधा’ नहीं है और शव को इंफाल ले जाना ‘असुविधाजनक’ है.

जिरीबाम पुलिस स्टेशन ने पीड़िता के पति द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर मामला दर्ज किया है, जिसमें नस्लीय, सांप्रदायिक और लैंगिक आधार पर बलात्कार और हत्या, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और बीएनएस के तहत सूर्यास्त के बाद आपराधिक अतिक्रमण सहित उल्लंघनों का हवाला दिया गया है.

पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला के पति ने कहा कि उसे जलाने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया.

शिकायत में कहा गया है, ‘मेरी पत्नी… तीन बच्चों की मां की 7 नवंबर, 2024 की रात को पूरी तरह से हथियारबंद मेईतेई उग्रवादियों ने जैरोलपोकपी (ज़ैरावन), जिरीबाम स्थित हमारे घर पर निर्मम हत्या कर दी (बलात्कार किया और ज़िंदा जला दिया). मेरे घर को भी लूट लिया गया और जला दिया गया.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कट्टरपंथी मैतेई संगठन अरमबाई तेंगोल के संदिग्ध सदस्यों ने गुरुवार रात ज़ैरावन गांव पर हमला किया. इस गांव में हमार समुदाय के लोगों का वर्चस्व है.

आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल एडवोकेसी कमेटी ने एक बयान में हमले और महिला की मौत की निंदा की है और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.

ITAC ने एक बयान में कहा, ‘अरमबाई तेंगोल ने सत्रह घरों को जला दिया. गांव में घुसते ही उन्होंने घरों को जलाना शुरू कर दिया और अपनी ऑटोमैटिक बंदूकों से गोलीबारी शुरू कर दी. ग्रामीण जंगल में भाग गए लेकिन एक महिला फंस गई.’

आईटीएसी के प्रवक्ता जॉन हमार ने एक बयान में कहा, ‘आईटीएसी ने सभी क्षेत्रों में बंद की घोषणा की है. आईटीएसी मणिपुर पुलिस और कमांडो से आईटीएसी के अधिकार क्षेत्र में काम न करने का आग्रह करता है. अगर वे इस चेतावनी का पालन करने में विफल रहते हैं तो आईटीएसी किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.’

आईटीएसी ने यह भी दोहराया कि उसे मणिपुर राज्य सरकार की मशीनरी पर कोई भरोसा नहीं है, जिसमें राज्य बल और पुलिस शामिल हैं इसलिए वह केंद्र सरकार से मणिपुर के जिरीबाम जिले और फेरज़ावल जिले में निर्दोष कुकी-ज़ोमी-हमार लोगों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता है.

मणिपुर में 3 मई, 2023 से हिंसा जारी है. बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.

जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 226 लोग जान गंवा चुके हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

(File image)

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