1975 में हुए चीरूडीह नरसंहार कांड (Chirudih Kand) के सिलसिले में 49 साल बाद आठवे दोषी को सज़ा सुनाई गई है. इस हत्याकांड में पहले झामुमो पार्टी (JMM Party) के प्रमुख और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के पिता शिबु सोरेन (Shibu Soren) का नाम भी शामिल था.
13 जून को झारखंड के जामताड़ा व्यवहार न्यायालय ने चीरूडीह नरसंहार के मामले में आठवे दोषी रमाकांत दत्ता को 75 साल की उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. जिसके बाद इस मामले के आठवें दोषी रमाकांत को जामताड़ा जेल भेज दिया गया है.
रमाकांत जामताड़ा में स्थित श्यामपुर गाँव में रहते हैं. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रमाकांत को दो महीने पहले यानी 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
चीरूडीह नरसंहार कांड की पूरी कहानी
चीरूडीह नामक गाँव के नदी किनारे महाजन प्रथा का विरोध किया जा रहा था.उसी समय दो लोगों के बीच आपसी विवाद हुआ, देखते ही देखते ये विवाद बड़े झगड़े में बदल गया.
इस झगड़े में 11 से 13 लोगों की हत्या होने की खबर आई थी. जिसके बाद 23 जनवरी 1975 को नारायणपुर थाना में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी.
इस मामले में पुलिस ने घटनास्थल से सात हथियार बरामद किए थे. वहीं इस मामले के आठवे दोषी रामकांत दत्ता के पास से बंदूक बरामद की गई थी.
जिसका लाइंसेस जय कुमार सेने नामक व्यक्ति के नाम पर था. पुलिस ने बंदूक की फॉरेंसिक जांच भी करवाई थी.
2008 में हुए शिबू सोरेन बरी
इस मामले में 28 आरोपी थे. इनमें से 22 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई हुई थी. क्योंकि बाकि के बचे 6 आरोपी फरार थे.
12 मार्च 2008 को इस मामले में शामिल 14 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव के कारण बरी कर दिया गया था. इन बरी होने वालों में शिबु सोरेन भी शामिल थे. इसके अलावा जिन 6 लोगों को कोर्ट ने दोषी पाया था. वे हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन यह मामला अभी लंबित है. हांलाकि इस मामले में हाईकोर्ट से उन्हें ज़मानत मिल गई थी.
इस मामले के प्राथमिक रिपोर्ट में शिबु सोरेन का नाम शामिल नहीं था. लेकिन दिसम्बर 1979 में चार्जशीट दाखिल की गई. जिनमें 69 लोगों का नाम दिया गया और इसमें शिबु सोरेन भी शामिल थे.