HomeElections 2024BJP को ओडिशा के रास्ते झारखंड आदिवासियों तक पहुँचने की उम्मीद

BJP को ओडिशा के रास्ते झारखंड आदिवासियों तक पहुँचने की उम्मीद

आधारशिला 15 नवंबर को रखी जाएगी, जो आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती है, जिसे 2021 से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ओडिशा में अपनी पहली सरकार का नेतृत्व करने के लिए आदिवासी चेहरे मोहन चरण माझी को चुनने के बाद भाजपा ने आदिवासी आइकन और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती मनाने के लिए सुंदरगढ़ जिले में उनका एक भव्य स्मारक बनाने का फैसला किया है.

इस कदम को राज्य में आदिवासियों के बीच अपनी ताकत को और मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जो ओडिशा की आबादी का करीब 23 फीसदी हिस्सा हैं.

इस भव्य स्मारक में बिरसा मुंडा की 150 फीट ऊंची प्रतिमा, एक सम्मेलन केंद्र, एक स्मारिका दुकान और लॉन होंगे.

राज्य का अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभाग स्मारक के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर रहा है.

ओडिशा एससी/एसटी सचिव बिष्णुपद सेठी ने सुंदरगढ़ कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा कि भूमि का चयन एक सुंदर बैकग्राउंड के साथ किया जाना चाहिए.

इस स्मारक की आधारशिला 15 नवंबर को रखी जाएगी, जो आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती है. 2021 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गई थी.

इस को स्मारक स्थापित करने के लिए सुंदरगढ़ जिले की पहचान करने का ओडिशा सरकार का निर्णय महत्वपूर्ण है. ओड़िशा झारखंड के साथ सीमा साझा करता है. इसके साथ ही पड़ोसी राज्य के खूंटी जिले में बिरसा मुंडा के जन्मस्थान उलीहातु के करीब स्थित है.

झारखंड में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा का मुकाबला देश के बड़े आदिवासी नेताओं में से एक झामुमो प्रमुख और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से है.

ऐसे में स्मारक के साथ भाजपा आदिवासी गौरव को बनाए रखने की अपनी छवि को मजबूत करने के लिए यह कदम उठा रही है.

एक भाजपा नेता ने कहा, “कांग्रेस के विपरीत, जो आदिवासियों के नाम पर राजनीति कर रही है, भाजपा ने आदिवासी सम्मान और गौरव को बरकरार रखा है. प्रस्तावित कदम इस संबंध में एक अहम पहल है.”

आदिवासी ओडिशा की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हिस्सा हैं, राज्य विधानसभा में कुल 147 सीटों में से 33 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.

मयूरभंज में आदिवासी निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा का मजबूत आधार है लेकिन उसे सुंदरगढ़ जिले में अपनी स्थिति मजबूत करने की उम्मीद है.

इसके अलावा, पार्टी अविभाजित कोरापुट जिले के आदिवासी निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है, जिसमें चार जिले शामिल हैं, जहां कांग्रेस और बीजू जनता दल की मजबूत उपस्थिति है.

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