HomeLaw & Rightsमणिपुर: क्या सीमावर्ती इलाके में म्यांमार के अवैध प्रवासी बना रहे घर

मणिपुर: क्या सीमावर्ती इलाके में म्यांमार के अवैध प्रवासी बना रहे घर

रामो (RAMO) स्वयंसेवकों ने सीमा के आस–पास तैनात सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय अधिकारियों को इस घटनाक्रम की जानकारी न दिए जाने को लेकर एक ज़रूरी सवाल उठाया है.

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य अधिकारियों से जानकारी मिली है कि युद्ध के दौरान म्यांमार से आए अवैध अप्रवासी टेंग्नौपाल जिले में घर बनाते हुए मिले है. अधिकारियों ने बताया इन घरों के निर्माण के लिए किसी से भी इजाज़त नहीं ली गई है.

अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार की सीमा के पास स्तंभ संख्या 82 और 89 के बीच बनाए जा रहे इन घरों का पता मारिंग जनजाति के स्वयंसेवकों द्वारा लगाया गया.

यह बताया गया है कि जब ये खबरें मिली कि टेंग्नौपाल जिले में मारिंग जनजाति के क्षेत्रों में म्यांमार के कई नागरिक नज़र आ रहे है तब रिलराम एरिया मारिंग संगठन (RAMO) ने बार्डर के पास स्तंभ संख्या 82 से 89 के नज़दीकी गांवों में जांच के लिए स्वयंसेवकों को भेजा था.

जब रामो (RAMO) के कार्यकर्ता वहाँ पहुँचे और चैनरिंगफाई, चोकटोंग, एन सतांग और सांगटोंग गांवों का जायज़ा लिया तो उन्होंने देखा कि यहाँ अवैध म्यांमार निवासी न केवल बड़ी संख्या में मौजूद हैं बल्कि वे घर और अन्य इमारतें बना रहे हैं.

रामो स्वयंसेवकों ने बताया कि क्षेत्र के ग्राम प्रधानों ने शिकायत की है कि अब वे म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों को और बर्दाश्त नहीं करेंगे.

मणिपुर में नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के विधायक लीशियो कीशिंग ने 9 मई को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आठ गांवों में शरणार्थी शिविरों में रह रहे अवैध म्यांमार नागरिकों की संख्या स्थानीय लोगों से भी अधिक है, जिससे स्थानीय लोगों में ड़र पैदा हो रहा है.

पत्र में आरोप लगाया यह भी आरोप लगाया गया था कि गैरकानूनी तौर पर कामजोंग और कासोम खुल्लेन उपखंडों में रह रहे ये लोग ग्रामीणों पर छोटी-छोटी बातों पर हमला भी कर देते हैं.

कई नगा संस्थानों और संगठनों ने पिछले हफ़्ते गृह मंत्री अमित शाह से अवैध म्यांमार नागरिकों को उनके देश वापस भेजने की मांग की थीसीमा से सटे क्षेत्रों का दौरा करने के बाद संयुक्त नगा परिषद (UNC), नागा महिला संघ (NWU), ऑल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन मणिपुर (ANSAM) और नागा पीपल्स मूवमेंट फॉर ह्यूमन राइट्स (NPM-HR) ने गृह मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा है.

रामो स्वयंसेवकों ने दावा किया कि केंद्र सरकार मणिपुर सीमा क्षेत्र में मुक्त आवागमन व्यवस्था (Free Movement Regime) को समाप्त करने की घोषणा कर चुकी है लेकिन इसके बावजूद, म्यांमार के अवैध नागरिक देर रात में आसानी से सीमा पार आते-जाते हैं.

स्वयंसेवकों ने सीमा के आस–पास तैनात सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय अधिकारियों को इस घटनाक्रम की जानकारी न दिए जाने को लेकर एक ज़रूरी सवाल उठाया है.

जिसके जवाब में अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार को इस नई बस्ती के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

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