मयूराक्षी नदी को झारखंड की जीवन रेखा कहा जाता है. हम लोग इस नदी के किनारे बसे एक छोटे से संताल गाँव में राजेश हेम्ब्रम से मिलने पहुँचे थे. उनसे बातचीत होती रही और फिर हम लोग इस गाँव के छोटे छोटे बच्चों के साथ नदी की तरफ़ निकल गए.
हम कोई ऐसी जगह तलाश रहे थे जहां पर राजेश हमें तीरंदाज़ी के अपने गुर दिखा सकें. लेकिन नदी किनारे पहुँचे तो एक ऐसी कहानी मिल गई कि हम राजेश की कहानी को कुछ देर के लिए भूल गए.
संताल आदिवासी जीवन का एक ऐसा पहलू हमारे सामने था जिसका हम ख़ुद हिस्सा बन रहे थे. देखिए आपको भी कुछ नया सीखने को मिल सकता है.