राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की ‘‘रबर स्टैंप राष्ट्रपति’’ टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी.रवि ने सोमवार को कहा कि सिन्हा के बयान से ऐसा लगता है कि एक आदिवासी महिला इस पद के लिए सक्षम नहीं है. रवि ने कहा सिन्हा का बयान उनकी ‘‘ओछी मानसिकता’’ को दर्शाता है.
दरअसल यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस यानि NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से एक आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार यह सुनिश्चित करें कि वह ‘‘रबर स्टैंप राष्ट्रपति’’ नहीं होंगी.
उनकी इस टिप्पणी पर सी. टी. रवि ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से देश को रबर स्टैंप राष्ट्रपति की जरूरत नहीं है. लेकिन उसी तरह खुद को साबित कर चुकी एक आत्मनिर्भर आदिवासी महिला के खिलाफ झूठा प्रचार करने की मानसिकता खतरनाक है. सिर्फ खुद को ही योग्य महसूस करने की मानसिकता खतरनाक है.’’
रवि ने कहा, ‘‘मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं जिन्होंने झारखंड की राज्यपाल के रूप में काम किया है. इसके अलावा उन्होंने ओडिशा में एक मंत्री और विधायक के रूप में, और एक कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में अपनी क्षमताओं को पहले ही साबित किया है. यह सोच ही घटिया मानसिकता को दर्शाती है कि एक आदिवासी महिला पद के लिए सक्षम नहीं है.’’
रवि ने यहा भी बताया कि द्रौपदी मुर्मू वोट की अपील करने के लिए 10 जुलाई को कर्नाटक का दौरा करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा संख्या के आधार पर 18 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू की जीत निश्चित है.
अपने चुनाव प्रचार अभियान के तहत रविवार को बेंगलुरु में मौजूद सिन्हा ने वहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लिया. उन्होंने केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को ‘‘चुप’’ कराने के लिए ईडी, सीबीआई, आयकर जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
सिन्हा के इसी बयान पर चिकमगलूर के विधायक रवि प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘ईडी या आयकर विभाग ईमानदार लोगों का कुछ नहीं कर सकते लेकिन भ्रष्ट लोग उनसे बच नहीं सकते. अगर कोई भ्रष्ट है तो उसे चिंता करने की जरूरत है, ईमानदार लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.’’
यशवंत सिन्हा ने ट्विटर पर भी लिखा है, “मैं यह बात दोहराता हूं कि भारत को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है, जो संविधान का निष्पक्ष संरक्षक हो और मौन या रबर स्टांप राष्ट्रपति नहीं हो. क्या भाजपा की उम्मीदवार भी ऐसा संकल्प लेंगी?”
हालांकि राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू रबर स्टाम्प साबित होंगी या नहीं ये भविष्य की बात है, लेकिन जब वो झारखंड की राज्यपाल थीं, तो तत्कालीन बीजेपी सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की कोशिश की थी. उस संशोधन पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए थे और कहा था कि संशोधन आदिवासी हितैषी होने चाहिए ना कि आदिवासी विरोधी. तत्कालीन राज्य सरकार को वो संशोधन वापस लेने पड़े थे.
द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनना आदिवासियों के लिए बड़ी बात क्यों है, इसपर हमारा कॉलम आप यहां पढ़ सकते हैं.
18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए 25 सालों तक बीजेपी में रहे पार्टी के पूर्व नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने गए हैं. जबकि बीजेपी ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए आदिवासी महिला नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया है.