HomeAdivasi Dailyचुराचांदपुर में सुरक्षाबलों की गोली से बुर्जुग कुकी महिला की मौत

चुराचांदपुर में सुरक्षाबलों की गोली से बुर्जुग कुकी महिला की मौत

मणिपुर के चुराचांदपुर में एक मैतई किसान को गोली लगने के बाद सुरक्षा अभियान के दौरान गोलीबारी में एक बुजुर्ग कुकी-ज़ो महिला की मौत हो गई.

मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में गुरुवार को एक कुकी-ज़ो समुदाय की बुज़ुर्ग महिला की गोली लगने से मौत हो गई. महिला का नाम होइखोलहिंग बताया गया है.

मृत महिला लंगचिंगमनबी गांव के मुखिया की पत्नी थीं.

पुलिस के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब सुरक्षा बल इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे.

अचानक अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोली चलाई. इसी दौरान महिला गोली की चपेट में आ गई.

महिला का शव चुराचांदपुर ज़िला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

किसान पर हुआ हमला

इससे एक दिन पहले बिष्णुपुर ज़िले के फुबाला इलाके में एक मैतेई किसान को खेत में काम करते समय गोली मार दी गई थी.

उसका नाम निंगथौजम बीरेन बताया गया है. किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

उसके साथ खेत में काम कर रहे अन्य किसानों ने बताया कि गोलियां पहाड़ियों की ओर से चलीं.

फुबाला इलाका घाटी के किनारे पर है, जिसकी सीमा चुराचांदपुर की पहाड़ियों से लगती है.

इस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने लंगचिंगमनबी, हीचांगलोक और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया.

ITLF और KWOHR ने घटना की निंदा की

वहीं महिला की मौत के बाद आदिवासी संगठनों ने घटना पर गुस्सा जताया है.

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने चुराचांदपुर ज़िले में अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है. संगठन ने कहा कि यह बंद महिला की मौत के विरोध और शोक में रखा गया है.

कुकी वुमेन ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (KWOHR) ने भी इस घटना की निंदा की है.

उन्होंने इसे “नरसंहार की एक और कड़ी” बताया. संगठन का आरोप है कि महिला जानबूझकर निशाना बनाकर मारा गया है.

संगठन ने होइखोल्हिंग की हत्या को कुकी लोगों के खिलाफ एक व्यवस्थित और लक्षित अभियान का हिस्सा बताया.

प्रशासन ने शांति की अपील की

पुलिस और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही कहा कि जांच जारी है और दोषियों को जल्द पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कोई भी अपुष्ट जानकारी न फैलाएं.

मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है.

हिंसा की शुरुआत आरक्षण को लेकर हुई थी. तब से अब तक 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. हज़ारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं.

इस हिंसा के कारण चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जैसे सीमावर्ती ज़िले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. यहां रुक-रुककर गोलीबारी, आगजनी और टकराव की घटनाएं सामने आती रहती हैं.

(Image is for representation purpose only)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments