प्रधानमंत्री आदिवासी जनमन महाभियान (PM-JANMAN) के तहत सबसे कमजोर आदिवासी समूहों के लिए स्थायी आवास बनाने वाले राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश शीर्ष पर है.
क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक, राज्य के लिए स्वीकृत 1.13 लाख जनमन आवासों में से 22 हज़ार 619 का घरों का निर्माण राज्य में किया गया है.
शनिवार को राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश का शिवपुरी जिला अत्यंत पिछड़ी सहरिया जनजाति के सदस्यों के लिए 4 हज़ार 443 आवास बनाकर और उन्हें सौंपकर राज्य में शीर्ष पर है.
अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही शिवपुरी ने देश की पहली पीएम जनमन कॉलोनी स्थापित करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी हासिल की है.
अधिकारियों ने बताया कि देश में मध्य प्रदेश के बाद ओडिशा 1620 घरों के साथ दूसरे, छत्तीसगढ़ 526 घरों के साथ तीसरे और राजस्थान 87 घरों के साथ चौथे स्थान पर है.
मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने शनिवार को शिवपुरी के हातोद, कोटा और दबिया ग्राम पंचायतों में देश की पहली पीएम जन्ममन कॉलोनियों का निरीक्षण किया.
हातोद में पीएम जनमन कॉलोनी का नाम शहीद तिलखा मांझी है, जबकि दबिया में श्रीराम बिहार कॉलोनी और कोटा में जोहार कॉलोनी है.
पटेल ने सहरिया परिवारों से अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने और सामाजिक बुराइयों और नशे के खिलाफ लड़ने का आग्रह किया. उन्होंने अपने नए घरों के साथ बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं प्राप्त करने के महत्व पर भी जोर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि हातोद ग्राम पंचायत में शहीद तिखा मांझी पीएम जनमन कॉलोनी में 18 सहरिया परिवारों के 75 लोग रहते हैं. वहीं दबिया ग्राम पंचायत में श्रीराम बिहार कॉलोनी में 28 सहरिया परिवारों के 99 लोग रहते हैं. इसी तरह कोटा ग्राम पंचायत में तीसरी पीएम जनमन कॉलोनी जोहार कॉलोनी है, जहां 18 सहरिया परिवारों के 90 लोग रहते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि यह एक रिकॉर्ड है कि देश में पहला पीएम जनमन आवास शिवपुरी ब्लॉक के कलोथरा ग्राम पंचायत में भगचंद्र नामक आदिवासी व्यक्ति के लिए बनाया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि देश में पहले 500 पीएम जनमन आवास भी शिवपुरी ब्लॉक में ही पूरे हुए थे और अब देश की पहली पीएम जनमन कॉलोनी भी मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बनी है.
क्या है PM–JANMAN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजाति गौरव दिवस के मौके 15 नवंबर 2023 को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) को लाभ पहुंचाने, उनके आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए पीएम जनमन (PM-JANMAN) योजना की घोषणा की थी.
जिसका उद्देश्य कमजोर जनजातीय समूहों को लाभ पहुंचाना और उनका आर्थिक व सामाजिक कल्याण करना था.
दरअसल, साल 2011 में हुई जनगणना में सामने आए आंकड़ों के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी. जिसमें अब तक काफी वृद्धि हो गई होगी.
इनमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप पर रहने वाले ऐसे 75 समुदायों के बारे में जानकारी सामने आई थी, जिन्हें विशेष रूप से कमजोर वर्गीकृत किया था. जो शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक कमजोरियों से जूझ रहे हैं.
इसी कारण उनका विकास नहीं हो पाया. ऐसे लोगों के कल्याण के लिए पीएम-जनमन की शुरुआत हुई. ताकि इन समुदायों को भी एक विशेष पहचान मिल सके. उनके शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सके और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जा सके.
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस बात का ऐलान किया गया था कि प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत करके विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारा जाएगा. उन्हें आवास, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, के साथ ही उचित पोषण के लिए भी सहायता दी जाएगी.
सरकार पीएम-जनमन योजना के अंतर्गत 4.90 लाख लोगों को पक्के मकान देने वाली है. जिसमें एक मकान की लागत लगभग 2.39 लाख रुपये होगी. लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा.
पीएम जनमन योजना का बजट करीब 24 हज़ार करोड़ रुपये है. इसमें 9 मंत्रालय शामिल कियें गए हैं.