नागालैंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) रूपिन शर्मा ने सोमवार को राज्य के लोगों से फिरौती के लिए अपहरण जैसे मामलों में पुलिस शिकायत दर्ज कराने के लिए राज्य की जनजातीय संस्थाओं और नागरिक समाज समूहों की मदद लेने की अपील की.
एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों में दीमापुर, कोहिमा और अन्य कुछ इलाकों में छिपे हुए समूहों द्वारा फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं सामने आई हैं.
उनका कहना है कि नागालैंड में व्यक्तिगत रूप से पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराना कठिन हो सकता है, इसलिए ऐसी समस्याओं की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए यहां मौजूद जनजातीय संगठनों, नागरिक समाज समूहों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) का सहारा लें और जब तक संभव हो तब तक खुद सामने आने से बचें.
उन्होंने कहा लोगों को पुलिस पर भरोसा करना चाहिए और इन समूहों के माध्यम से ऐसे मामलों की रिपोर्ट करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वे अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्होंने जनता से अपील की कि वे भी अपना सहयोग बनाए रखें.
उन्होंने कहा कि पुलिस तक पहुंचना और जानकारी साझा करना जरूरी है, इसके बिना पुलिस भी कोई कदम नहीं उठा सकती.
दीमापुर में एनएससीएन-के (निक्की-सुमी) गुट द्वारा फिरौती के लिए 10 अक्टूबर को दो व्यापारियों के अपहरण के मामले में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि इसमें शामिल कैडरों की पहचान करना शुरू की जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि पुलिस को इस मामले में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला है और उस पर काम किया जा रहा है. हालांकि उन्होंने आरोपी के अंडरग्राउंड होने की बात को स्वीकारा है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
डीजीपी ने निक्की-सुमी गुट से भी अपील की कि वे अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी में सहयोग करें. उन्होंने समूह को समझाते हुए कहा कि यह उनके लिए जनता के साथ संबंध बनाने का एक अच्छा अवसर हो सकता है.
साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि पुलिस इन आरोपियों को शरण देने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी.
डीजीपी ने अपहरण की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस संबंध में राज्य पुलिस, असम राइफल्स और अन्य एजेंसियों के सहयोग से सुरक्षा के लिए पर्याप्त तैनाती की बात कही.
उन्होंने जनता से अपील की कि वे पुलिस के साथ सहयोग करें ताकि ऐसे अपराधों पर जल्द से जल्द लगाम लगाई जा सके.