जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा यातना दिए जाने के बाद 25 वर्षीय आदिवासी शख्स ने आत्महत्या कर ली.
दरअसल, कठुआ जिले के माखन दीन नाम के शख्स ने अपनी मौत से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारियों ने उसे निर्दोष होने के बावजूद आतंकवादियों से संबंध कबूल करने के लिए मजबूर किया.
यह कदम उठाने से पहले शख्स ने पुलिस के प्रति अपनी वफादारी और आतंकवादियों से किसी भी तरह के संबंध न होने की बात कही.
माखन ने आरोप लगाया कि हिरासत के दौरान उसे प्रताड़ित किया गया और आतंकवादियों से अपने संबंध कबूल करने के लिए मजबूर किया गया. इसलिए उसने आत्महत्या का विकल्प चुना ताकि उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य को अपमान और यातना न झेलनी पड़े.
इस घटना के कारण इलाके में तनाव बढ़ गया है.
वहीं गंभीर आरोपों के जवाब में जम्मू पुलिस और जिला प्रशासन दोनों ने स्थानीय पुलिस टीम के खिलाफ़ दावों की जांच के लिए समानांतर जांच शुरू कर दी है.
इस मामले को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उठाया और सोशल मीडिया पोस्ट किया.
महबूहा मुफ्ती ने लिखा, ”जम्मू के कठुआ से चौंकाने वाली खबर: पेरोडी, बिलावर के 25 वर्षीय माखन दीन को बिलावर के एसएचओ ने ओवर ग्राउंड वर्कर होने के झूठे आरोप में हिरासत में लिया था. कथित तौर पर उसे बुरी तरह पीटा गया और यातना दी गई, उससे जबरन कबूलनामा करवाया गया और आज दुखद रूप से उसकी मौत हो गई.”
उन्होंने आगे लिखा कि इलाके को सील कर दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इससे बड़े पैमाने पर दहशत फैल गई है. लगातार कार्रवाई चल रही है और ज्यादा लोगों को उठाया जा रहा है. यह घटना मनगढ़ंत आरोपों पर निर्दोष युवाओं को निशाना बनाने के एक परेशान करने वाले पैटर्न जैसी लगती है. मैं डीजीपी से आग्रह करती हूं कि इस मामले की तत्काल जांच शुरू की जाए.
वहीं महबूबा मुफ्ती के इस पोस्ट के बाद जम्मू पुलिस भी एक्शन में आ गई. मुफ्ती के इन बयानों का खंडन करते हुए जम्मू पुलिस ने दावा किया कि बिलावर कस्बे में कोई सख्ती नहीं है. यातायात सुचारू रूप से चल रहा है. बिलावर में सामान्य दिनचर्या चल रही है.
पुलिस के मुताबिक बिलावर में स्कूल, कॉलेज का नियमित काम सुचारू रूप से चल रहा है. इसके अलावा, जिला कठुआ में इंटरनेट सुविधा में कोई बाधा नहीं आई है.
जम्मू पुलिस के मुताबिक महबूबा मुफ्ती के पोस्ट में जो कुछ भी कहा गया है वह सच नहीं है. मृतक माखन दीन पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी स्वर दीन स्वरू गुज्जर का भतीजा था. वह उन आतंकियों की मदद कर रहा है जिसने जुलाई 2024 में बदनोटा सेना के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 4 सेना के जवान शहीद हो गए थे.
पुलिस का कहना है कि यह वही आतंकियों का समूह है जिसके कारण कोहाग ऑपरेशन में हेड कांस्टेबल बशीर की हत्या और शहादत हुई थी. माखन के पाकिस्तान और अन्य विदेशी देशों में कई संदिग्ध संपर्क थे. उसे हिरासत में कोई यातना या चोट नहीं लगी. उससे पूछताछ की गई तो पोल खुल गई और घर जाकर उसने आत्महत्या कर ली.
पुलिस ने कहा कि इस संबंध में डीसी कठुआ द्वारा संज्ञान लिया गया है. इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
अतिरिक्त एसपी ऑपरेशन बिलावर आमिर इकबाल, उप पुलिस अधीक्षक जावेद तबस्सुम, एसडीएम बिलावर नीरज पदयार, जेकेपीएस संबंधित एसएचओ मौके पर पहुंचे और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन दिया.
पुलिस के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है और घटना की समयबद्ध जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार भी जांच कराएगी.
सीएम ने एक्स पर लिखा, “मैंने बिलावर में पुलिस हिरासत में माखन दीन पर अत्यधिक बल प्रयोग और उत्पीड़न की खबरें देखी हैं, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए था.”
उन्होंने आगे लिखा, “स्थानीय लोगों के सहयोग और भागीदारी के बिना जम्मू-कश्मीर कभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाएगा और आतंक से मुक्त नहीं हो पाएगा. ऐसी घटनाओं से उन लोगों के अलग-थलग पड़ने का खतरा है, जिन्हें हमें पूरी तरह से सामान्य स्थिति की ओर ले जाने की जरूरत है. मैंने इन घटनाओं को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है और जोर दिया है कि इसकी समयबद्ध, पारदर्शी तरीके से जांच की जाए. जम्मू-कश्मीर सरकार भी अपनी जांच का आदेश देगी.”