HomeAdivasi Dailyकेरल: लालफीताशाही में फंसा आदिवासी समुदाय के लिए बना बीमा योजना

केरल: लालफीताशाही में फंसा आदिवासी समुदाय के लिए बना बीमा योजना

कोझिकोड जिले के कुराचुंड के बेनी जॉन द्वारा एक आरटीआई प्रश्न के उत्तर में, वन विभाग ने स्वीकार किया कि बीमा योजना की वैधता 25 सितंबर, 2021 को समाप्त हो गई थी और इसके नवीनीकरण के लिए सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है.

केरल में आदिवासी समुदाय के सदस्यों के लिए समूह बीमा योजना की वैधता समाप्त हुए तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस योजना का नवीनीकरण नहीं किया है. दरअसल दुर्घटना या जंगली जानवरों के हमले के कारण मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में आदिवासी समुदाय के सदस्यों को 1 लाख रुपये का मुआवजा सुनिश्चित करने वाली बीमा योजना समुदाय के लिए एक बड़ी राहत थी.

इस योजना के तहत जंगली जानवरों के हमले के कारण अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष 5,000 रुपये और जंगली जानवरों के कारण झोपड़ियों को नुकसान के लिए 5,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे.

इसके अलावा यह योजना प्रभावित व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए प्रति वर्ष 1,000 रुपये सुनिश्चित करती है. यह योजना वंचित समुदाय के सदस्यों के लिए एक बड़ी राहत थी जो आर्थिक तंगी के कारण अस्पतालों का दौरा करने से डरते हैं.

कोझिकोड जिले के कुराचुंड के बेनी जॉन द्वारा एक आरटीआई प्रश्न के उत्तर में, वन विभाग ने स्वीकार किया कि बीमा योजना की वैधता 25 सितंबर, 2021 को समाप्त हो गई थी और इसके नवीनीकरण के लिए सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है.

आदिवासी कार्यकर्ता बीनू पुथेनपुरकल ने कहा, “जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदाय के सदस्य अक्सर जंगली जानवरों के हमले का सामना करते हैं और समुदाय के अधिकांश सदस्य अस्पताल का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं होते हैं. यह योजना हमारे लिए एक बड़ी राहत थी. सरकार को बीमा योजना को तुरंत नवीनीकृत करने के लिए कदम उठाने चाहिए.”

वन विभाग ने 26 सितंबर, 2020 को यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ मिलकर पूरे आदिवासी समुदाय को जंगली जानवरों के हमलों के खिलाफ बीमा कवर देने के लिए बीमा योजना शुरू की थी. प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीमाकर्ता था और प्रीमियम 15 लाख रुपये था.

यह स्वीकार करते हुए कि बीमा योजना का नवीनीकरण नहीं किया गया है, उप संरक्षक विजू वर्गीस ने कहा कि सरकार पहले ही एक आदेश जारी कर चुकी है और योजना को जल्द ही नवीनीकृत किया जाएगा.

उप संरक्षक ने कहा, “हमने 6 सितंबर, 2021 को योजना के नवीनीकरण के बारे में सरकार को लिखा था और सरकार ने 2 नवंबर को कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे. वास्तव में सरकार फसल के नुकसान को शामिल करने के लिए योजना के कवरेज का विस्तार करना चाहती थी. विभाग ने 18 नवंबर को एक स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया था और सरकार ने योजना को नवीनीकृत करने का आदेश जारी किया था.”

वहीं वन मंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, “बीमा योजना को नवीनीकृत करने के लिए कदम उठाए गए हैं और इस संबंध में एक सरकारी आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है. औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.”

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