HomeAdivasi Dailyछत्तीसगढ़ : बीजेपी नेताओं के खिलाफ आदिवासी नेता के बयान से विवाद

छत्तीसगढ़ : बीजेपी नेताओं के खिलाफ आदिवासी नेता के बयान से विवाद

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में सरजू टेकाम कांग्रेसी विधायक की उपस्थिति में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मारने-काटने की धमकी दे रहे हैं. यह बताता है कि राज्य में कानून व्यवस्था किस तरह मृत्यु शय्या पर है.

(Chhattisgarh News) छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में कथित तौर पर बीजेपी के नेताओं को जान से मारने की धमकी के एक वीडियो में सत्ताधारी दल कांग्रेस के एक विधायक की मौजूदगी को लेकर राज्य में विवाद हो गया है.

विरोध प्रदर्शन के एक वीडियो में स्थानीय आदिवासी नेता को लोगों से यह कहते सुना जा सकता है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता वोट मांगने के लिए आदिवासी इलाकों का दौरा करें तब उन्हें काट दिया जाए.

आदिवासी नेता के इस बयान के सामने आने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार छत्तीसगढ़ को हिंसा में झोंकने की तैयारी कर रही है.

दरअसल, मणिपुर में महिलाओं के जघन्य यौन उत्पीड़न की कथित घटना के खिलाफ रविवार (30 जुलाई) को मानपुर कस्बे में आदिवासी समाज और कांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था.

इस दौरान आदिवासी नेता सूरजू टेकाम ने मणिपुर और केंद्र में भाजपा नीत सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘मैं आज ऐलान करने वाला हूं कि चुनाव में अगर भाजपा वाले आदिवासी क्षेत्र में घुसे तो उन्हें काट डालो. वहीं काट डालो और उन्हें नंगा करके वहां से भेजो.’’

टेकाम ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और भगवान बजरंगबली पर भी टिप्पणी की. 

बाद में प्रदर्शन के दौरान मोहला-मानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक इंद्रशाह मंडावी ने टेकाम की सराहना करते हुए कहा कि वह संविधान का सम्मान करते हैं और उसका पालन करते हैं.

कांग्रेस विधायक की मौजूदगी में टेकाम की टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में सरजू टेकाम कांग्रेसी विधायक की उपस्थिति में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मारने-काटने की धमकी दे रहे हैं. यह बताता है कि राज्य में कानून व्यवस्था किस तरह मृत्यु शय्या पर है.

राजनांदगांव क्षेत्र के बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने कहा है कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद रहे टेकाम ऐसा बयान दे सकते हैं क्योंकि उन्हें विधायक मंडावी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संरक्षण प्राप्त है.

पांडेय ने टेकाम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

टेकाम के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि इस तरह की टिप्पणी का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है और इस मामले में कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

सीएम बघेल ने कहा, ‘‘यह गलत है. टेकाम किसी राजनीतिक दल से नहीं हैं और यह उनका अपना विचार है लेकिन यह विचार उचित नहीं है. प्रजातंत्र में इन सब चीजों का कोई स्थान नहीं होता है. विधिसम्मत कार्रवाई उनके खिलाफ की जाएगी.’’

जब टेकाम से संपर्क किया गया तब उन्होंने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी गुस्से में आकर की थी और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था.

टेकाम ने कहा, ‘‘मैं संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करता हूं. मुझे ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी. मणिपुर की घटना देखकर मुझे दुख हुआ. मणिपुर की घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. मैंने गुस्से में आकर यह बयान दिया. मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे यह नहीं करना चाहिए था.’’

यह पूछे जाने पर कि भाजपा उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है, टेकाम ने कहा कि वह गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं.

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