HomeAdivasi Dailyगुजरात: नवसारी के आदिवासी किसानों का विरोध, हाइवे परियोजना के ख़िलाफ़ निकाली...

गुजरात: नवसारी के आदिवासी किसानों का विरोध, हाइवे परियोजना के ख़िलाफ़ निकाली रैली

राजमार्ग परियोजना के लिए नवसारी और वंसड़ा तालुक के आठ गांवों और चिखली तालुक के 10 गांवों में से 496.06 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया जाना है

गुजरात के नवसारी जिले के वंसड़ा गांव के आदिवासी किसान शुक्रवार को सड़क पर उतर आए. उन्होंने रैली कर प्रस्तावित नवसारी चेन्नई एक्सप्रेस हाईवे परियोजना के विरोध में जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा.

आदिवासी किसानों का यह विरोध जिला प्रशासन द्वारा एक अधिसूचना जारी करने के कुछ दिनों बाद आया है.

इस अधिसूचना में कहा गया था कि राजमार्ग परियोजना के लिए नवसारी और वंसड़ा तालुक के आठ गांवों और चिखली तालुक के 10 गांवों में से 496.06 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया जाना है. इसके अलावा अधिसूचना में प्रभावित ग्रामीणों को 21 दिनों के अंदर जिला प्रशासन से संपर्क करने का निर्देश दिया गया था.

ख़बर यह भी है कि परियोजना के लिए नवसारी जिले के 26 गांवों में सरकारी और निजी दोनों जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

रैली का नेतृत्व वंसड़ा तालुक के सरपंच संघ के नेता मनीष पटेल और वंसड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने किया.

आदिवासियों द्वारा प्रशासन को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने दावा किया है कि पिछले 10 दिनों से, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी खंभालिया, चारवावी, भरतड़, भीनार, कुरेलिया, होलीपाड़ा, नानिभामती और हनुमानबाड़ी समेत वंसड़ा तालुक के विभिन्न गांवों में ज़मीन की मैपिंग का काम कर रहे थे.

इन सभी गांवों के निवासी अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर हैं. इनमें से ज़्यादातर आदिवासी हैं, और हर एक के पास 1 से 1.5 एकड़ कृषि भूमि है.

किसानों को डर है कि उनकी कृषि भूमि उनसे छीन ली जाएगी, जिससे उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा.

“राजमार्ग संख्या 56 इस इलाक़े से होकर गुजरता है. इसलिए, हमारा सुझाव है कि मौजूदा राजमार्ग की मरम्मत की जाए, और नया बनाने के बजाय इसी का इस्तेमाल किया जाए,” ज्ञापन में आदिवासी किसानों ने कहा है.

इसके अलावा ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार (पेसा) अधिनियम, 1996 के अनुसार अगर सरकार द्वारा किसी भी विकास उद्देश्य के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, तो इसके लिए ग्राम पंचायत की सहमति लेना ज़रूरी है.  

इन गांवों के सरपंचों से जमीन की माप के लिए अधिकारियों से संपर्क नहीं किया गया.

वंसड़ा विधायक अनंत पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम परियोजना का विरोध कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट, मुंबई वडोदरा एक्सप्रेस हाईवे प्रोजेक्ट, उमरगाम से अंबाजी हाईवे प्रोजेक्ट में नवसारी के आदिवासी किसानों की जमीन चली गई है. हमने अधिकारियों से आदिवासियों को नुकसान न पहुंचाने और उनकी रोजी-रोटी छीनने का अनुरोध किया है. हम नवसारी के प्रभावित गांवों में किसानों के लिए जन जागरुकता अभियान शुरू करेंगे, और आने वाले दिनों में नवसारी में एक मेगा रैली और जनसभा भी करेंगे.”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments