HomeAdivasi Dailyकांग्रेस आदिवासी किसानों को जमीन का अधिकार दिलाएगी: राहुल गांधी

कांग्रेस आदिवासी किसानों को जमीन का अधिकार दिलाएगी: राहुल गांधी

आदिवासी किसानों ने कांग्रेस सांसद के साथ बातचीत के दौरान वन अधिकार अधिनियम, 2006 के कार्यान्वयन के बारे में बात की. उन्होंने उन्हें सौंपी गई भूमि की स्थिति और उनकी भूमि के लिए स्वामित्व विलेख की कमी के बारे में बताया जहां वे पोडु खेती करते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर पार्टी केंद्र की सत्ता में आती है तो वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) पर फिर से विचार किया जाएगा. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्टी बुनकरों को सहायता प्रदान करने के लिए हथकरघा पर जीएसटी को हटा देगी.

राहुल गांधी ने अगले साल के विधानसभा चुनावों में राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद तेलंगाना के आदिवासी किसानों को भूमि अधिकार प्रदान करने का भी वादा किया.

तेलंगाना में अपनी भारत जोड़ी यात्रा के तीसरे दिन गांधी ने महबूबनगर जिले के देवरकाद्रा ब्लॉक के गोपालपुर कलां गांव में बुनकरों और आदिवासी किसानों के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की.

राहुल ने कहा, “आपको ज्यादा देर तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है. हम जल्द ही केंद्र और राज्य में सत्ता में आएंगे और इन समस्याओं का समाधान करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हथकरघों पर जीएसटी हटा दिया जाए. तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद हम आदिवासी किसानों द्वारा खेती की जा रही भूमि का मालिकाना हक भी प्रदान करेंगे.”

दरअसल, तेलंगाना के बुनकर हथकरघा वस्त्रों और उनके कच्चे माल पर जीएसटी लगाने का विरोध कर रहे हैं. तेलंगाना सरकार ने भी हाल ही में केंद्र को पत्र लिखकर हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी हटाने की मांग की थी.

एक महिला बुनकर ने राहुल गांधी के ध्यान में लाया कि हथकरघा और कच्चे माल पर जीएसटी बुनाई क्षेत्र को पंगु बना देगा. महिला ने कहा, “कांग्रेस के जमाने में सूत की सब्सिडी बुनकर तक पहुंचती थी. वह प्रणाली अब मौजूद नहीं है. इसी तरह राज्य सहकारी संस्था सीधे बुनकरों से खरीदारी करती थी. वह भी, अब और नहीं होता है.”

इसी तरह, आदिवासी किसानों ने कांग्रेस सांसद के साथ बातचीत के दौरान वन अधिकार अधिनियम, 2006 के कार्यान्वयन के बारे में बात की. उन्होंने उन्हें सौंपी गई भूमि की स्थिति और उनकी भूमि के लिए स्वामित्व विलेख की कमी के बारे में बताया जहां वे पोडु खेती करते हैं.

नेशनल लॉ स्कूल एंड रिसर्च (नलसर) के सुनील कुमार ने वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समस्या के बारे में बताया. उन्होंने गांधी को समझाते हुए कहा, “तीन प्रमुख मुद्दे तेलंगाना के आदिवासी किसानों को पीड़ित करते हैं. एक, वन भूमि की मान्यता के लिए 3 लाख से अधिक आवेदन लंबित हैं. दूसरा, सरकारी विभागों, मुख्य रूप से वन और राजस्व विभागों के बीच खींचतान, जिससे 1 लाख आदिवासी-किसान पीड़ित हैं. तीसरा, वन विभाग वन भूमि की मान्यता में देरी कर रहा है जो राज्य के लगभग 25 लाख किसानों को प्रभावित कर रहा है.”

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, जिन्हें केसीआर के नाम से भी जाना जाता है, को राज्य का ‘राजा’ करार देते हुए गांधी ने कहा कि केसीआर का मकसद तेलंगाना के लोगों की जमीन और पैसा हड़पना है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) मिलकर काम करते हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए सभी विधेयकों का समर्थन करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ बीजेपी नफरत फैला रही है और दूसरी तरफ टीआरएस उसका समर्थन करती है. बीजेपी जो चाहती है उसे टीआरएस लोकसभा और राज्यसभा में पूरा करती है.’’राहुल  गांधी ने दावा किया कि बेरोजगारी उच्चतम स्तर पर है और युवा, अपनी शिक्षा पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं.

(File Image)

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