HomeAdivasi Daily2021-22 में तमिलनाडु की 33 SC/ST योजनाओं में से 13 पर कोई...

2021-22 में तमिलनाडु की 33 SC/ST योजनाओं में से 13 पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया

कार्यकर्ता ने हाल ही में एससी/एसटी कल्याण योजनाओं से संबंधित सभी सूचनाओं के साथ एक वेबसाइट लॉन्च करने के लिए राज्य को निर्देश देने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया और एक अनुकूल आदेश प्राप्त किया.

आदि द्रविड़ और आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी व एसटी) के विद्यार्थियों के कल्याण के लिए लागू की गई 33 में से 13 योजनाओं पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया.

विभाग के जन सूचना अधिकारी से मदुरै के एक कार्यकर्ता एस कार्तिक द्वारा दायर एक आरटीआई से ये जानकारी मिली है. विभाग ने पिछले पांच वर्षों में बजट में आवंटित 927 करोड़ रुपये को सरकारी खजाने में वापस कर दिया है.

मुख्यमंत्री योग्यता पुरस्कार, विदेश में उच्च अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति, आदि द्रविड़ कल्याण विद्यालयों के लिए पुरस्कार, स्मार्ट कक्षाओं का निर्माण, प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद, ईसाई एससी/एसटी छात्रों के लिए साइकिल का वितरण, सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग, एससी छात्रों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एकेडमिक और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पोर्ट्स की स्थापना, सरकारी सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक/इंजीनियरिंग कॉलेजों को मुआवजा, स्काउट और गाइड मूवमेंट 13 योजनाओं में शामिल हैं.

कार्यकर्ता ने हाल ही में एससी/एसटी कल्याण योजनाओं से संबंधित सभी सूचनाओं के साथ एक वेबसाइट लॉन्च करने के लिए राज्य को निर्देश देने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया और एक अनुकूल आदेश प्राप्त किया.

कार्यकर्ता ने कहा, “2021-22 में राज्य ने विभाग के लिए 4,142 करोड़ रुपये आवंटित किए. उस राशि का एक हिस्सा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए बनाई गई 33 योजनाओं को लागू करने के लिए आवंटित किया गया था. लेकिन विभाग एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाया. इसे कम से कम 2022-23 के लिए आवंटित 4,281 करोड़ रुपये खर्च करने चाहिए.”

संपर्क करने पर एडीडब्ल्यू विभाग के निदेशक, टी आनंद ने कहा कि कुछ योजनाओं के तहत धन लौटाने के लिए विभाग को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.

उन्होंने कहा, “2017-18 के बाद केंद्र द्वारा अपना हिस्सा देना शुरू करने के बाद कुछ छात्रवृत्ति योजनाओं में विभाग को धन का एक हिस्सा बचाया गया था. तो हो सकता है कि हमने बचाए हुए पैसे वापस कर दिए हों. हम कभी-कभी पट्टा भूमि वितरण योजना के लिए आवंटित धन को सरेंडर कर देते हैं क्योंकि भूमि की कीमत हमारे अनुमान से अधिक हो जाती है. 2021 में महामारी के कारण विदेशी छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित राशि खर्च नहीं की गई. हालांकि इस साल हम नौ छात्रों को छात्रवृत्ति दे रहे हैं.

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पोर्ट्स सलेम में स्थापित किया जाना था. क्योंकि इसके लिए आवंटित धन अपर्याप्त था इसलिए इसे रोक दिया गया था. कुछ योजनाओं में पैसा खर्च करने में दिक्कतें हैं और हम उन्हें दूर करने के लिए काम कर रहे हैं. यह धारणा कि एडीडब्ल्यू विभाग एससी/एसटी लोगों को आवंटित धन को खर्च नहीं कर रहा है, सही नहीं है.”

आरटीआई के जवाब के अनुसार, 2021-22 के लिए विभाग का सबसे बड़ा खर्च एडीडब्ल्यू स्कूलों और छात्रावासों के कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए 757 करोड़ रुपये था. शैक्षिक रियायत के लिए 520 करोड़ रुपये खर्च किए गए. एडीडब्ल्यू स्कूलों के लिए खेल सामग्री खरीदने के लिए विभाग ने सिर्फ 1.3 लाख रुपये खर्च किए हैं.

इस पूरे प्रकरण का दुखद पहलू ये है कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की स्कॉलरशिप का पैसा ख़र्च क्यों नहीं किया गया, इस पर प्रशासन का जवाब भी बेहद ग़ैर ज़िम्मेदाराना है.

प्रशासन की तरफ़ से एक भी ठोस कारण नहीं दिया गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments