HomeAdivasi Dailyझारखंड: गुमला की 25 आदिवासी छात्राएं जाएंगी इसरो, चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से...

झारखंड: गुमला की 25 आदिवासी छात्राएं जाएंगी इसरो, चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से करेगी मुलाकात

चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से छात्राएं करेगी मुलाकात. उपायुक्त ने हरी झंडी दिखा कर किया बस को रवाना और उपायुक्त ने सभी छात्राओं को दी शुभकामनाएं. आदिवासी समुदाय के लिए ये बहुत की गर्व की बात है.


झारखंड के गुमला जिला के विभिन्न प्रखंडों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं कल्याण आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली 25 आदिवासी छात्राएं चेन्नई के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो जाएंगी. ये छात्राएं एक्सपोजर विजिट के लिए आज मंगलवार को चेन्नई के श्रीहरिकोटा के लिए रवाना होगी.


गुमला जिले के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी सहित उप विकास आयुक्त हेमंत सती, एसडीओ सदर रवि जैन, डीसी एलआर सुषमा नीलम सोरेंग एवं जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ. मोहम्मद वसीम ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर छात्राओं के बस को समाहरणालय परिसर के लिए रवाना किया है.


छात्राएं वहां जाने के बाद चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से मुलाकात करेंगी और इससे संबंधित जानकारी, विषेश तथ्यों के बारे में जानकारी लेंगे.


पहली बार आदिवासी बच्चों को इसरो जाने का मौका

गुमला जिले के आदिवासी छात्राओं को पहली बार एक्सपोजर विजिट के लिए इसरो भेजा जा रहा है. छात्राओं के साथ पांच शिक्षकों की टीम और दो जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी डीसी एलआर सुषमा नीलम सोरेंग एंव जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ. मोहम्मद वसीम मौजूद रहेंगे.


सभी छात्राएं 27 सितंबर को इसरों पहुंच जाएंगी. वहीं 28 सितंबर को सभी छात्राएं एक्सपोजर विजिट के साथ-साथ अन्य स्थान जैसे गाइंडी नेशनल पार्क, मद्रास म्यूजियम, अद्यार पूंगा ईको पार्क, थ्योसोफिकल सोसाइटी, मरीना बीच इत्यादि का भी भ्रमण करेंगी.


उपायुक्त ने सभी आदिवासी छात्राओं को शुभकामनाएं दी

सत्यार्थी ने सभी छात्राओं को एक्सपोजर विजिट के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी. उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे की जानकारी लेने के लिए गुमला की आदिवासी समुदाय के साइंस में रुचि रखने वाली छात्राओं को ही इसरो एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा की आदिवासी समुदाय की बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने की पहल जल्द शुरु किया जाएगा.


इसरो पर जाने के लिए आदिवासी छात्राओं में दिखा उत्साह

एक्सपोजर विजिट पर जाने वाली सभी छात्राओं में बेहद खुशी का माहौल दिखा. गुमला की एक आदिवासी छात्रा रेणु कुमारी कहती हैं की ऐसा पहली बार है की हमें इतने दूर जाने का मौका मिल रहा है. आदिवासी समुदाय की लड़कियों या लड़को में शिक्षा का अभाव रहा है.

ऐसे में मैंने सपने में भी नहीं सोचा था की मुझे इतनी दूर जाने का मौका मिलेगा. वहीं कक्षा 10वीं की अनीता मिंज ने भी एक्सपोजर विजिट में शामिल होने के लिए अपनी खुशी व्यक्त की और यह भी कहा की साइंटिस्ट से मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के अंतर्गत आते हैं. इनकी आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक सरकार द्वारा कुल 690 एकलव्य स्कूल सेंशन किए गए हैं. इनमें से 401 स्कूल फंक्शनल हैं. जिसमें आदिवासी छात्र, छात्राएं मुफ्त में पढ़ सकते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments