HomeAdivasi Dailyआंध्र प्रदेश के आठ जिलों में आदिवासियों के लिए निःशुल्क 53,000 घर...

आंध्र प्रदेश के आठ जिलों में आदिवासियों के लिए निःशुल्क 53,000 घर तैयार

प्रधानमंत्री आवास योजना-जी का लक्ष्य राज्य में पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों) का विकास करना है. इसके योजना को लागू करने के लिए आठ आदिवासी जिलों के 98 मंडलों को चुना गया है

पीएमएवाई ग्रामीण योजना (PMAY-G) के तहत आंध्र प्रदेश के आठ ज़िलों में रहने वाले आदिवासियों को 53 हज़ार घर मुफ्त (53,000 houses give to tribal at zero cost) में वितरित किए जाएंगे.

इस वितरण की शुरूआत 10 जनवरी (53,000 houses distribution start from 10th January) से की जाएगी और इसका फॉर्मल लॉन्च 15 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होगा.

ये 53 हज़ार घर मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी द्वारा शुरू की गई योजना में शामिल नहीं है. मुख्यमंत्री की योजना में 32 लाख लोगों को घर देने का वादा किया गया है.

केंद्रीय वित्त पोषित प्रधानमंत्री आवास योजना-जी का लक्ष्य राज्य में ‘विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों’ (PVTGs) के विकास को गति देना है. इसके तहत आठ आदिवासी जिलों के 98 मंडलों को योजना के क्रियान्वयन के लिए चुना गया है.

इन आठ ज़िलों में श्रीकाकुलम, विजयनगरम, पार्वतीपुरम मान्यम, अल्लूरी सीतारमा राजू, एलुरु, पलनाडु, प्रकाशम और नंद्याल शामिल है.

इसके साथ ही इस योजना के तहत 52,907 परिवारों को अपना घर मिल जाएगा. इन पीवीटीजी परिवारों की पहचान करने की शुरुआत 5 जनवरी से ही की गई है.

इन परिवारों के नाम सूची में जोड़ दिए गए है और आवास प्लस सर्वेक्षण ऐप के माध्यम से पहचाने गए लाभार्थियों की बैंक डिटेल जैसी सारी जानकारी ले ली गई है.

इसी संदर्भ में योजना के विशेष मुख्य सचिव, अजय जैन ने कहा कि पीवीटीजी एचएच की पहचान आठ जिलों में की गई है.जिनमें अल्लूरी सीताराम राजू में 31,716, पार्वतीपुरम मान्यम में 9,904, प्रकाशम में 2,515, नंद्याल में 1,944, श्रीकाकुलम में 3,366, पालनाडु में 1,345, एलुरु में 808 और विजयनगरम में 498 पीवीटीजी परिवार शामिल हैं.

अभी तक 52,907 परिवारों में से 39,005 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है और शेष 13,091 परिवारों का सर्वेक्षण किया जाना अभी बाकी है.

इसके अलावा योजना के सर्वेक्षण के दौरान लगभग 17,181 बैंक खातों और आधार लिंक को वेरीफाई किया गया है.
वहीं इस मिशन में 9 मंत्रालय शामिल होंगे और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सहयोग से इस परियोजना की देखरेख की जाएगी.

पीएमएवाई-जी का मुख्य उद्देश्य पक्के मकान उपलब्ध करवाना है. सरकार द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि इस योजना के तहत 4.90 लाख लाभार्थियों को पक्के मकान उपलब्ध करवाए जाएंगे.

2023-24 से 2025-26 अवधि के दौरान पीएमएवाई ग्रामीण कार्यक्रम के तहत कच्चे घरों में रहने वाले विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के लिए प्रत्येक घर के लिए लागत 2.39 लाख रखी गई है.

डिप्टी सीएम और आदिवासी कल्याण मंत्री पी. राजन्ना डोरा ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी एकमात्र ऐसे सीएम हैं जो बेघरों को 32 लाख घर उपलब्ध कराने और केंद्रीय योजना के तहत 53 हज़ार आदिवासियों को घरों के वितरण की सुविधा प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments