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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों के हमले में 9 लोगों की मौत

पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढील को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो जातीय संघर्षों के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है.

मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है. राज्य के खमेनलोक इलाके में गोलीबारी के दौरान 9 लोगों की मौत हो गई. इंफाल ईस्ट के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, घटना मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे की है.

पुलिस के मुताबिक कांगपोकपी जिले के ऐगिजंग गांव में मंगलवार रात फायरिंग और आगजनी की घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो गई. पिछले 24 घंटे में ताजा हिंसा भड़कने के बाद एक महिला सहित नौ लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं. कई घायलों को इलाज के लिए इंफाल ले जाया गया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने इंफाल ईस्ट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिवकांत सिंह के हवाले से बताया कि ताजा हिंसा में 10 लोग जख्मी भी हुए है. उन्होंने कहा कि मृतकों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है ताकि इस बात का सही से पता लगाया जा सके कि उनकी मौत किस वजह से हुई है.

पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने रात करीब एक बजे इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और हमला कर दिया. यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है.

ताजा घटना के बाद इंफाल पूर्वी जिला प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू में छूट की अवधि को घटाकर सुबह के शुरुआती घंटों में सिर्फ चार घंटे कर दिया. पहले कर्फ्यू में छूट की अवधि सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक थी, जिसे अब घटाकर सुबह 5 बजे से सुबह 9 बजे कर दिया गया है.

पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्षों के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से स्थिति तनावपूर्ण है. मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं.

राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है.

क्या है पूरा मामला

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से हिंसा शुरू हुई थी जो अब तक जारी है.

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं नगा और कुकी आदिवासी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पहाड़ी जिलों में रहते हैं. हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अभी भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.

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