HomeAdivasi Dailyमणिपुर सीएम के खिलाफ रैली में शामिल हुए थे मिजोरम के CM,...

मणिपुर सीएम के खिलाफ रैली में शामिल हुए थे मिजोरम के CM, बीरेन सिंह ने कहा- आंतरिक मामलों में न दें दखल

बीरेन सिंह ने ये भी कहा कि वे अपने राज्य से अवैध शरणार्थियों की पहचान करेंगे और उन्हें राज्य से बाहर निकालेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर सरकार किसी भी धमकी के आगे झुकने वाली नहीं है.

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पड़ोसी राज्य मिजोरम को आंतरिक मामलों में दखल न देने की सलाह दी है. बीरेन सिंह ने कहा कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा दूसरे राज्य के मामले में हस्तक्षेप नहीं करें. 

दरअसल, मिजोरम के मुख्यमंत्री राजधानी आइजोल में 25 जुलाई को हुई एकजुटता मार्च में शामिल हुए थे. ये मार्च मणिपुर के कुकी-जोमी समुदायों के समर्थन में निकाला गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इसका जवाब दिया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीरेन सिंह बुधवार (26 जुलाई) को 24वें कारगिल विजय दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ड्रग स्मगलर्स और राज्य में अवैध तरीके से घुसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद राज्य में ये हालात पैदा हुए हैं.

बीरेन सिंह ने ये भी कहा कि वे अपने राज्य से अवैध शरणार्थियों की पहचान करेंगे और उन्हें राज्य से बाहर निकालेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर सरकार किसी भी धमकी के आगे झुकने वाली नहीं है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर तरह से अवैध प्रवासियों के खिलाफ है. वो लंबे समय से राज्य में रह रहे कुकी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में हुई हिंसा उन लोगों के कारण है, जो मणिपुर में शांति व्यवस्था नहीं रहने देना चाहते.

उन्होंने कहा, “ये समस्या सरकार के अवैध ड्रग कार्टेल के खिलाफ कार्रवाई करने से हुई है. लेकिन सरकार किसी भी धमकी से नहीं डरती है. हम राज्य की अखंडता की रक्षा करेंगे.”

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के हालातों को सुधारने और स्थिति को काबू में करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग मणिपुर की अखंडता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने उन लोगों को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सरकार और उन लोगों के बीच की है, जो राज्य की अखंडता और शांति को भंग करना चाहते हैं. 

उन्होंने मिजोरम में की गई रैली, जिसमें उनके खिलाफ नारेबाजी भी की गई थी को लेकर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ इस्तेमाल हुए अपमानजनक शब्दों की भी कड़ी निंदा की.

यूरोपीय संसद के प्रस्ताव की निंदा की

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने यूरोपीय संघ की संसद के प्रस्ताव की भी निंदा की. इसमें कहा गया था कि हिंदुओं और ईसाइयों के बीच टकराव है. उन्होंने कहा कि ये जमीनी हकीकत की समझ से परे है. मुख्यमंत्री ने आलोचना की और कहा कि जमीनी सच्चाई को जाने बिना ही 13 जुलाई को यूरोपीय सांसद यह प्रस्ताव लेकर आए. प्रस्ताव में राज्य में जनजातियों के लिए कदम उठाए जाने की मांग की गई थी.

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की है. उन्होंने कहा, “सरकार राज्य में शांति वापस लाने और सामान्य हालात बहाल करने की पूरी कोशिश कर रही है. हिंसा से दूर रहें ताकि हम सभी पहले की तरह फिर से एक साथ रह सकें.”

क्या है पूरा मामला

मिजोरम में NGOs की समन्वय समिति (NCC) ने  25 जुलाई को मणिपुर के कुकी-जोमी आदिवासी समुदाय के समर्थन में एकजुटता मार्च निकाला था. इसमें राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा, उपमुख्यमंत्री तावंलुइया, कई मंत्री और विधायक भी शामिल हुए थे.

मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने यहां कहा था कि मणिपुर और केंद्र दोनों सरकारों को राज्य में जातीय हिंसा को शांत करने के लिए मिलकर कोशिश करनी होगी. उन्होंने चेतावनी दी की ये घाव बहुत गहरा है. इसे ठीक करना बहुत मुश्किल होगा.

मुख्यमंत्री जोरमथंगा मिजो नेशनल फ्रंट पार्टी(MNF) के अध्यक्ष हैं. और MNF केंद्र में NDA का सहयोगी दल है.

करीब तीन महीने से हिंसा जारी

मणिपुर में हिंसा शुरू हुए लगभग तीन महीने होने वाले हैं लेकिन यहां तनाव कम होने की बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में दो महिलाओं के साथ हुई अभद्रता और यौन हिंसा का वीडियो वायरल होने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं.

मणिपुर में महिलाओं के साथ ज्यादती की घटनाएं सामने आने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग भी तेज हो गई है. नागा पीपुल्स फ्रंट का कहना है कि बीरेन सिंह को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.

इससे पहले कई विपक्षी नेताओं और यहां तक कि मणिपुर में बीजेपी विधायकों ने भी मैतेई समुदाय से आने वाले सिंह को हटाने की मांग की है.

हालांकि, इन सबके बावजूद न तो बीरेन सिंह इस्तीफा देने के मूड में हैं और न ही बीजेपी उनसे इस्तीफा मांग रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments