HomeAdivasi Dailyतेलंगाना: लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थपाना

तेलंगाना: लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थपाना

तेलंगाना में बीजेपी लंबे समय से पैर जमाने की कोशिश कर रही है. हांलाकि हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में राज्य के चुनाव में कांग्रेस को कामयाबी मिली थी.

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को तेलंगाना के मुलुगु में एक केंद्रीय जनजातीय विश्विद्यालय का उद्घाटन किया

शुक्रवार को मुलुगु जिला मुख्यालय के पास जकरम गांव में युवा प्रशिक्षण केंद्र (वाईटीसी) में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (एसएससीटीयू) परिसर का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 889 करोड़ की निर्धारित राशि की थी, इतनी लागत में ही इसका निर्माण कार्य पूरा भी हुआ है.

रेड्डी ने कहा कि केंद्र उच्च शिक्षा के लिए सुविधा देने के साथ साथ आदिवासी समुदायों के बीच साक्षरता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है.

उन्होंने जानकारी दी कि शुरुआती  शैक्षणिक सत्र 2024-25  में दो चार वर्षीय कोर्स बीए अंग्रेजी (ऑनर्स) और बीए सामाजिक विज्ञान (ऑनर्स) शुरू किए जाएंगे. इसके साथ ही  तेलंगाना की अतिरिक्त श्रेणी  में आने वाले आदिवासी युवाओं के लिए  प्रत्येक पाठ्यक्रम में आठ अन्य सीटों पर  दाखिला देने का प्रावधान किया जाएगा.

इस मौके पर पंचायत राज मंत्री सीताक्का ने कहा कि आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना मुलुगु जिले के विकास के लिए अच्छा संकेत है. अब यह एक पर्यटन केंद्र के रूप में  भी विकसित हो गया है.

तेलंगाना का मुलुगु ज़िला आदिवासी बहुल इलाका है. इस लिहाज से सरकार का यह एक स्वागत योग्य कदम है.

लेकिन केंद्र सरकार का यह कदम लोकसभा चुनाव में आदिवासी समुदायों के लिए देश भर में आरक्षित 47 लोकसभा सीटों को हासिल करने के लक्ष्य के साथ भी उठाया गया है.

तेलंगाना में कुल 17 लोकसभा सीटें हैं. इन लोकसभा सीटों में से 2 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.

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