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TMC ने संदेशखाली में वोटों की ख़ातिर आदिवासियों पर ज़ुल्म किया है: NCST

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में नदी तटीय संदेशखाली क्षेत्र, जो कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर, सुंदरबन की सीमा पर स्थित है. एक महीने से अधिक समय से तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहाँ के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से उबल रहा है. शाहजहां और उसके समर्थक फरार हैं.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) का कहना है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के संदेशखाली (Sandeshkhali) में जमीन हड़पने और जबरदस्ती यौन उत्पीड़न के आरोपी TMC नेता शेख शाहजहां (Sheikh Shahjahan) और उनके सहयोगी गरीब आदिवासी परिवारों (Poor tribal families) से जबरन मनरेगा मजदूरी लेते थे और पार्टी के खिलाफ वोट करने के लिए उन्हें प्रताड़ित करते थे.

शिकायतकर्ताओं ने उपाध्यक्ष अनंत नायक के नेतृत्व में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की तीन सदस्यीय टीम को बताया कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने कथित तौर पर शाहजहां और उसके सहयोगियों को “संरक्षित” किया.

जांच टीम दिल्ली वापस आ गई है और रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया में है, जिसे सरकार को भेजा जाएगा.

अनंत नायक ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पैनल को शाहजहां और उसके सहयोगियों द्वारा आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने की 50 से अधिक शिकायतें मिली हैं.

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में नदी तटीय संदेशखाली क्षेत्र, जो कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर, सुंदरबन की सीमा पर स्थित है. एक महीने से अधिक समय से तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहाँ के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से उबल रहा है. शाहजहां और उसके समर्थक फरार हैं.

अनंत नायक ने कहा कि एनसीएसटी टीम को पता चला कि शाहजहां गरीब आदिवासी लोगों से अपनी मनरेगा की कमाई देने के लिए कहता था. और अगर आदिवासी अपनी कमाई के पैसे खत्म चुके होते तो वो उनसे उधारदाताओं से पैसा उधार लेने और उसे देने के लिए कहता है.

नायक ने कहा कि उन्होंने पूरे देश में ऐसा कुछ नहीं देखा है.

एनसीएसटी के उपाध्यक्ष ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने, जिनमें से अधिकांश हिंदू हैं, जांच टीम को बताया कि आरोपी और उसके सहयोगियों ने चुनाव में अन्य पार्टियों को वोट देने वाले लोगों को प्रताड़ित किया.

उन्होंने कहा कि पैनल को पता चला कि शाहजहां और उसके सहयोगी स्थानीय महिलाओं को देर रात बैठकों के लिए आने के लिए कहते थे और जो लोग उनकी मांगें नहीं मानते थे, उनके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करते थे.

एनसीएसटी के उपाध्यक्ष ने कहा, “अगर पीड़ित पुलिस से संपर्क करते तो वे एफआईआर या शिकायत दर्ज नहीं करते थे, इसके बजाय शिकायतकर्ताओं को शाहजहां के साथ ‘बातचीत’ करने के लिए कहते. पुलिस ने इस मामले में आरोपी का साथ दिया.”

शिकायतों में एनसीएसटी टीम को यह भी बताया गया कि आरोपी आदिवासी परिवारों से अपनी जमीन उसे सौंपने के लिए कहता था और विरोध करने पर खेतों में खारा पानी छोड़ देता था.

वहीं अनंत नायक ने कहा कि शाहजहां ने कथित तौर पर 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक हजार से अधिक आदिवासी और गैर-आदिवासी लोगों की जमीन हड़प ली है.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने 20 फरवरी को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर मामले पर तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा था.

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