त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, नेता विपक्ष अनिमेष देबबर्मा और राज्य में बीजेपी की सहयोगी पार्टी IPFT के नेता और मंत्री शुक्ला चरण नोवातिया कल देर रात दिल्ली पहुंचे हैं. यह उम्मीद की जा रही है कि आज त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा के नेता प्रद्योत किशोर माणिक्य पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं. उन्हें केंद्र सरकार ने टिपरा मोथा की मुख्य मांग ग्रेटर टिपरा लैंड के बारे में बात करने के लिए बातचीत का न्यौता दिया था.
यह बताया जा रहा है कि दिल्ली में गृहमंत्रालय और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई है. इस बातचीत में ग्रेटर टिपरालैंड, आदिवासी इलाकों (Autonomous District Council) में विकास और फंड के मुद्दे पर बातचीत हुई है.
अगरतला से दिल्ली के लिए निकलने से पहले नेता विपक्ष अनिमेष देबबर्मा ने पत्रकारों से कहा,” हमें दिल्ली बुलाया है. रात को एक बजे तक हम दिल्ली पहुंच जाएंगे. वहां पर कोई बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में क्या चर्चा होगी, इस बारे में हमें कुछ बताया नहीं गया है. कल या परसों में ही हम बता पाएंगे कि आख़िर इस बातचीत में क्या निकला है.”
टिपरा मोथा चीफ़ प्रद्योत किशोर माणिक्य 28 फ़रवरी को ग्रेटर टिपरा लैंड और अन्य मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे. उसी दिन उन्हें दिल्ली से बातचीत का न्यौता दिया गया था.
उन्होंने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले अपने समर्थकों से कहा था कि वे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
अभी तक केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से औपचारिक तौर पर इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. लेकिन उम्मीद यह की जा रही है कि केंद्र और राज्य सरकार टिपरा मोथा चीफ़ को लिखित में यह आश्वासन देंगे कि त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों के विकास के लिए अधिक फंड की व्यवस्था की जाएगी.
इसके अलावा ग्रेटर टिपरालैंड पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार के वार्ताकार नियुक्त किये जाएंगे.
अगर यह समझौता हो जाता है तो यह भी तय माना जा रहा है कि टिपरा मोथा बीजेपी के गठबंधन एनडीए में शामिल हो सकती है. इसके अलावा टिपरा मोथा राज्य की सरकार में भी शामिल हो सकती है.