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मंडला सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के दो बड़े गोंड आदिवासी नेता, किसे चुनेगा आदिवासी?

बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस के ओमकार मरकाम दोनों ही गोंड आदिवासी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में यह दोनों मंडला सीट के लिए लड़े थे. अब एक बार फिर यह आमने सामने आए है.

मध्य प्रदेश (Tribes of Madhya Pradesh) का मंडला निवार्चन क्षेत्र (Mandla Seat) रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई की भूमि रही हैं. यह क्षेत्र एक समय में गोंडवाना साम्राज्य की राजधानी भी हुआ करती थी.

मंडला ज़िले की कुल जनसंख्या लगभग 10 लाख है. इनमें से लगभग 6,20,000 आदिवासी है. 

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण में राज्य के 6 सीटों पर वोटिंग होगी. इन 6 सीटों में से 2 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है. यह दो सीट शहडोल और मंडला हैं. 

मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें है. इनमें से 5 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है. 

लोकसभा चुनाव 2024 (Election 2024) के लिए कांग्रेस की तरफ से ओमकार मरकाम (Omkar markam) उम्मीदवार हैं. वहीं बीजेपी की तरफ से फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) दावेदार के रूप में उतरे हैं.

बीजेपी के नेता फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला ज़िले के काफी दिग्गज़ नेता है. 1996 से 2004, 2014 और 2019 में फग्गन ही अब तक मंडला ज़िले से सांसद रहे हैं. सिर्फ 2009 के लोकसभा चुनाव में फग्गन को हार का सामना करना पड़ा.

और पढ़े: राहुल गांधी ने आदिवासियों से जल-जंगल-ज़मीन और जनगणना का वादा किया

फग्गन सिंह कुलस्ते वैसे तो काफी मजबूत दावेदार है. लेकिन 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कुलस्ते को निवास सीट से भारी हार का सामना करना पड़ा. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

वहीं कांग्रेस के दावेदार ओमकार सिंह मरकाम डिंडौरी सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं. डिंडौरी सीट मंडला ज़िले के विधानसभा सीटों में से एक है.

2014 में कांग्रेस ने उन्हें मंडला सीट से उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया था. लेकिन वे बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते से हार गए.

अब फिर से लोकसभा चुनाव 2024 में ये दोनों आमने सामने आए हैं.

विधानसभा चुनाव 2023 में यह भी देखा गया कि मंडला की आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच पर कांग्रेस विजय रही. वहीं बीजेपी ने राज्य के अन्य ज़िलों में बाजी मारी.

सिवनी ज़िले के लखनादौन (एसटी सीट) और केवलारी सीट के सहारे कुलस्ते 2014 के लोकसभा चुनाव में विजय रहे थे.

लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने इन दोनों सीटों को अपने नाम कर लिया. ये दोनों सीट इस लोकसभा चुनाव में फग्गन सिंह के वोटों पर असर डाल सकती है. 

गुरूवार के दिन एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “ आपको फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा किए गए काम के आधार पर वोट नहीं देना. बल्कि उन्हें इसलिए अपना मतदान दें, ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर देश को बेहतर भविष्य दे सकें.”

उन्होंने आगे कहा, “ हर एक वोट जो आप फग्गन सिंह को दे रहें है. वह परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाएगा.”

आरएसएस और बीजेपी के नेता जो बालघाट में काम करे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अच्छी तरह से जानती है कि इस बार फग्गन सिंह कुलस्ते और ओमकार मरकाम के बीच करीबी मुकाबला होने वाला है. क्योंकि ओमकार सिर्फ डिंडौरी में ही प्रसिद्ध नहीं है. कई जगहों पर उन्हें जाना जाता है.

वहीं फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ उनके ही पार्टी के नेता बाते कर रहे हैं. बीजेपी के नेता ने कहा कि छह बार सांसद रहें फग्गन सिंह अपने लिए काम करते है. 

बीजेपी के नेता ने इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि वे लोगों के लिए कम और अपने रिश्तेदारों के लिए अधिक काम किया करते है. 

मसलन 2022 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थन से उन्होंने अपने दामाद संजय कुशराम को मंडला ज़िले का पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया था. 

वहीं कुलस्ते द्वारा काम की बात करे तो 10 साल से जबलपुर से मंडला जाने वाले 90 किलोमीटर राजमार्ग अभी तक नहीं बनाया गया है. 

इस मुद्दे को कांग्रेस भी समय- समय पर उठाती रही हैं.

बीजेपी मंडला सीट को जीतने के हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं कांग्रेस भी अपना पूरा जोर लगा रही है. 8 अप्रैल को कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी ने राज्य में रैली निकाली थी. जिनमें से निर्वाचन क्षेत्र मंडला भी शामिल था.

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस के ओमकार सिंह मरकाम दोनों ही गोंड समुदाय से आते हैं.

2011 की जनगणना के मुताबिक गोंड आदिवासी सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में रहते हैं. राज्य में लगभग 50 लाख गोंड आदिवासी रहे रहें हैं.

फग्गन सिंह कुलसते

64 वर्षीय फग्गन सिंह कुलस्ते गोंड आदिवासी है. वह राज्य के महाकौशल क्षेत्र में दिग्गज़ आदिवासी नेता है. 

2009 के अलावा 1996 से अब तक के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने मंडला सीट अपने नाम की है.

वे राज्य के ग्रामीण विकास और स्टील मंत्री भी रहे हैं. 

फग्गन सिंह कुलस्ते बीजेपी के तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित छह सांसदों में से थे. जिन्हें 2023 में विधानसभा चुनाव में पार्टी ने मैदान में उतारा था. 

लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कुलस्ते अपनी सीट निवास( एसटी सीट) हार गए.

निवास विधानसभा सीट उन्होंने 1990 में जीती थी. इस सीट को उनके भाई ने भी तीन बार जीता है.

विधानसभा चुनाव 2023 में हार मिलने के बावजूद भी बीजेपी ने उन्हें मंडला सीट से उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया है.

ओमकार मरकाम

राज्य के महाकौशल क्षेत्र से 48 वर्षीय ओमकार मरकाम कांग्रेस पार्टी का प्रमुख चेहरा है. इन्होंने चार बार डिंडौरी विधानसभा सीट जीती है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

डिंडौरी मंडला ज़िले के विधानसभा सीटों में से एक है. 2008, 2013, 2018, 2023 के विधानसभा चुनावों में ओमकार ने ही डिंडौरी सीट पर विजय पाई थी.

दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच कमल नाथ की 15 महीने लंबी कांग्रेस सरकार में वह आदिवासी मामलों के मंत्री भी रहे चुके है.

ओमकार को कमल नाथ और कांग्रेस पार्टी का करीबी माना जाता है.


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