राष्ट्रपति के चुनाव में क्रॉस वोटिंग की ख़बरें लगातार आती रही हैं. यह भी बताया गया है कि क्रॉस वोटिंग द्रोपदी मूर्मु के पक्ष में ज़्यादा हुई है. द्रोपदी मूर्मु की जीत तो पहले से ही निश्चित मानी जा रही है. लेकिन अगर ये ख़बरें सहीं हैं तो फिर उनकी जीत काफ़ी बड़ी हो सकती है.
वैसे इस इन ख़बरों से किसी को भी अचंभा नहीं होना चाहिए. क्योंकि जब से एक आदिवासी महिला को एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार दिया है, उसके बाद से विपक्ष के कई दलों में बेचैनी और दुविधा दिखाई दी है.
JMM ने खुल कर ही द्रोपदी मूर्मु के समर्थन का ऐलान कर दिया था. लेकिन तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों पर भी द्रोपदी मूर्मु के समर्थन का भारी दबाव बना हुआ था. आज संसद भवन में सभी दलों और पक्षों के नेतआों ने राष्ट्रपति पद के लिए मतदान में हिस्सा लिया.
हालाँकि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के जीतने के आसार दूर दूर तक नहीं हैं. लेकिन फिर भी विपक्ष के सभी बड़े नेता और सांसद वोट देने के लिए उत्साहित नज़र आते रहे.
लेकिन बीजेपी के नेताओं और सांसदों के चेहरे की चमक ही अलग थी. क्योंकि उनके ख़ेमे की जीत तो पहले दिन से ही निश्चित मानी जा रही है.
कई वरिष्ठ सांसद तो सुबह सुबह ही वोट डालने पहुँच चुके थे. बीजेपी के नेता और केन्द्रीय मंत्रियों ने भी उत्साह से चुनाव में भाग लिया.
दक्षिण भारत के राज्यों के सांसद भी टोली बना कर वोट डालने पहुँचे थे.
आज़ाद भारत में यह पहला मौक़ा है जब एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद की दावेदारी बनी हैं.