HomeAdivasi Dailyकेरल में आदिवासियों के दस्तावेजों के लिए एबीसीडी (ABCD) शुरू

केरल में आदिवासियों के दस्तावेजों के लिए एबीसीडी (ABCD) शुरू

केरल के कोल्लम में अक्षय बिग कैंपेन फॉर डॉक्यूमेंट (Akshay big campaign for document) यानी एबीसीडी प्रोजेक्ट (ABCD project) आयोजित किया गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत आदिवासियों के जरूरी सरकारी दस्तावेज़ बनाए गए है.

केरल (kerala) के कोल्लम (kollam) में अक्षय बिग कैंपेन फॉर डॉक्यूमेंट (Akshay big campaign for document) यानी एबीसीडी प्रोजेक्ट (ABCD project) आयोजित किया गया था.

प्रोजेक्ट का उदेश्य आदिवासियों को जरूरी सरकारी दस्तावेज (आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड इत्यादि) उपलब्ध करवाना है.

प्रोजेक्ट के तहत 519 लोगों को डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाए गए है, जिनमें 84 लोगों को जन्म प्रमाण पत्र, 47 को राशन कार्ड, 24 को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए.

इसके अलावा 37 लोगों के बैंक में खाते खोले गए है और 87 लोगों का वोटर आएडी कार्ड, 22 लोगों का आधार कार्ड और 20 लोगों को डिजिटल सुविधा दी गई है.

इस प्रोजेक्ट को सही तरीके से लागू करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसका उदघाटन ज़िलाधिकारी एन देवीदास ने किया और इसका गठन शासकीय एलपी स्कूल में अनुसूचित जनजाति विकास विभाग द्वारा किया गया.

कलेक्टर एन देवीदास ने इस कार्यक्रम में कहा,“ मैं सभी अधिकारियों से आग्रह करता हूं की वे जल्द से जल्द सभी आदिवासियों को इस प्रोजेक्ट से अवगत करवाए, ताकि सभी आदिवासियों को योजना के ज़रिए लाभ मिल सकें.

इस ज़िले में सबसे ज्यादा आदिवासी परिवारों को जॉब कार्ड के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया है. इस योजना के तहत 1048 परिवार को रोजगार दिया गया है, लेकिन इन्हें सिर्फ 98 दिनों का ही रोजगार मिला था. प्रशासन का कहना है कि इस साल ये कोशिश की जाएगी की 200 दिनों के लिए 500 परिवार को रोजगार दिया जाए.

कोल्लम में इस वित्तीय वर्ष में 519 परिवारों को 100 दिनों तक का काम दिया जा चुका है. इन सभी को ट्राइबल प्लस के अंतर्गत काम दिया गया था.

अधिकारियों का दावा है कि एबीसीडी योजना का प्रचार आदिवासी समाज मे घर- घर जाकर कर रहे हैं, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके.

आदिवासी इलाकों में आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र या राशन कार्ड जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ एक बड़ा मसला है. क्योंकि इनमें से किसी भी दस्तावेज़ के ना होने से उन्हें सरकारी योजनाओं या आदिवासियों के विकास और कल्याण के प्रावधानों का फ़ायदा नहीं मिल पाता है.

इसलिए यह योजना एक अच्छी पहल है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments