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मध्य प्रदेश में ‘आदिवासी स्वाभिमान यात्रा’ निकालेगी कांग्रेस, 19 जुलाई को सीधी से होगी शुरूआत

युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर ने कहा कि प्रदेश के मुखिया एक तरफ खुद को आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरते हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के विधायक प्रतिनिधि एक आदिवासी के चेहरे पर मूत्रपात करने जैसे घृणित कृत्य को अंजाम देते हैं.

विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इसी बीच कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरने के लिए आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने का ऐलान किया है.

दरअसल, कांग्रेस सीधी में हुए पेशाब कांड के मुद्दे को लेकर आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने वाली है. इस यात्रा की शुरूआत सीधी जिले से ही होगी. कांग्रेस इस मामले को लेकर आक्रामक दिखाई दे रही है और इस यात्रा की जानकारी आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष रामू टेकाम, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर विक्रांत भूरिया, मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है.

डॉक्टर विक्रांत भूरिया और रामू टेकाम के नेतृत्व में 20 दिवसीय यात्रा 19 जुलाई को सीधी जिले से शुरू होगी और झाबुआ जिले में 7 अगस्त को समाप्त होगी. 30 जुलाई को एक दिन का ठहराव रहेगा. कांग्रेस प्रदेश के 17 जिलों की 36 विधानसभाओं में आदिवासी यात्रा निकालने वाली है.

विक्रांत भूरिया ने रविवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा “प्रदेश में नित-निरंतर हर दिन कानून व्यवस्था बदहाल हो रही है, ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा जिस दिन प्रदेश के किसी कोने से हिंसक खबरें ना आ रही हो. आदिवासियों पर अत्याचार अब एक आम घटना ही तरह बनकर रह गई हैं.”

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया एक तरफ खुद को आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरते हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के विधायक प्रतिनिधि एक आदिवासी के चेहरे पर मूत्रपात करने जैसे घृणित कृत्य को अंजाम देते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि सीधी में आदिवासी समाज के सीधे-साधे शख्स के साथ बीजेपी के विधायक प्रतिनिधि के द्वारा जो कृत्य किया गया है, उसको लेकर पूरा आदिवासी समाज आक्रोशित है और सीधी ही नहीं पूरे मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज के साथ उत्पीड़न की घटनाएं सत्ता पक्ष के व्यक्तियों लोगों की जा रही हैं.

विक्रम भूरा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से जो लोग पीडित है उनसे मिलने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है. यात्रा में आदिवासियों के हित के जुड़े मुद्दों को भी समाहित किया जाएगा और उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनावी वचन पत्र में भी शामिल किया जाएगा.

डॉ भूरिया ने आगे कहा, “ऐसा नहीं है कि सीधी की घटना कोई एक मात्र घटना हो, ठीक से देखें तो इसी हफ्ते में इंदौर में दो आदिवासी भाइयों को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा गया, दबंगो के हौंसले प्रदेश में इतने बुलंद हो चुके हैं की एक तरफ अत्याचार कर रहे हैं तो उसका वीडियो भी खुद ही बना रहे है. कुछ महीनों पहले ही महू में पुलिस की गोली से आदिवासी युवक ने अपनी जान गंवाई थी. प्रदेश में लगातार जंगलराज बढ़ रहा है और यह सब सरकार की निगरानी में ही हो रहा है.”

उन्होंने कहा, “हमने यह तय किया है कि हम अब सड़क पर उतरकर प्रदेश भर के आदिवासी भाई-बहनों के बीच जाएंगे और उनको इस बात से दोबारा अवगत कराएंगे कि यह वही सरकार है जो आपको आदिवासी भी मानने से इनकार करती है और आपको वनवासी होने का तमगा देना चाहती है. यह वही सरकार है जो लागातर आदिवासी हितों के लिए बनाए गए “PESA” कानून को कमज़ोर करने के प्रयत्न कर रही है.”

भूरिया ने आगे कहा, “हम सीधी से ‘आदिवासी स्वाभिमान यात्रा’ को शुरू कर 17 जिलों से होते हुए प्रदेश के सभी वर्गों पर बढ़ रहे अत्याचारों को उजागर करते हुए हर एक आदिवासी जन की आवाज़ बनेंगे और जनजागृति की इस यात्रा में एक बार फिर आदिवासी हितों को मजबूती देने का काम करेंगे.”

उन्होंने बताया कि यात्रा कुल 20 दिन की होगी जिसमें एक दिन का हॉल्ट 30 जुलाई को होगा, 17 जिले और 36 विधानसभा से हम “आदिवासी स्वाभिमान” पर जनचर्चा करते हुए आगे बढ़ेंगे और इस यात्रा का समापन हम 7 अगस्त 2023 को झाबुआ में करेंगे.

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