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मध्य प्रदेश: एकलव्य आदिवासी स्कूल मेस का खाना खाकर बीमार पड़े 100 से ज्यादा छात्र अस्पताल में भर्ती

जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए बच्चों से मिलने आज जिला अस्पताल पहुंचे. कलेक्टर ने यहां भर्ती छात्र छात्राओं से बातचीत की और उनसे हॉस्टल की व्यवस्थाओं और वहां मिलने वाले खाने पर फीडबैक भी लिया.

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल मेस में रात के खाने के बाद फूड पॉइजनिंग की शिकायत के बाद करीब 100 छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

दरअसल, रामपुर छापर स्थित एकलव्य आदिवासी स्कूल के छात्रों को सोमवार रात खाना खाने के बाद पेट में दर्द की शिकायत हुई और उल्टी होने लगी. इसी तरह के लक्षणों का सामना करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ती देख स्थानीय लोगों और पुलिस के साथ स्कूल स्टाफ ने छात्रों को अस्पताल भेजा.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉक्टर संजय मिश्रा ने कहा, “सरकारी स्कूल के छात्रों को सोमवार रात स्कूल हॉस्टल के मेस में खाना खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग का सामना करना पड़ा. स्कूल स्टाफ, स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से छात्रों को अस्पताल भेजा गया.”

बच्चों को जिला अस्पताल और जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी तक सभी स्कूली छात्र सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बच्चों को अस्पताल में एक और दिन निगरानी में रखा जाएगा और मंगलवार शाम तक उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी.

वहीं इस मामले को लेकर छात्रों ने आरोप लगाया कि खाना खराब होने की शिकायत के बावजूद उन्हें खराब खाना खिलाया गया. बिना टेस्ट किए बच्चों को दूषित भोजन परोसा गया.

जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए बच्चों से मिलने आज जिला अस्पताल पहुंचे. कलेक्टर ने यहां भर्ती छात्र छात्राओं से बातचीत की और उनसे हॉस्टल की व्यवस्थाओं और वहां मिलने वाले खाने पर फीडबैक भी लिया.

कलेक्टर ने कहा कि मामले की जांच जारी है जिसकी प्राथमिक रिपोर्ट आज शाम तक मिलने की संभावना है. कलेक्टर ने हॉस्टल के फूड और राशन सैंपल की जांच रिपोर्ट भी जल्द मिलने की बात की है और प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर ही दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

बच्चों की तबीयत खराब होने की खबर लगने पर बड़ी तादाद में अभिभावकों का भी जमावड़ा था. बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हुए इस खिलवाड़ पर अभिभावक काफी नाराज दिखाई दिए. उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल पर इस लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की है.

इधर स्कूली बच्चों ने भी स्कूल प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस घटना के खिलाफ छात्रों और अभिभावकों ने धरना देकर प्रदर्शन भी किया.

मालूम हो कि एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय जनजातीय छात्रों के लिए संचालित हैं. ऐसे में स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है.

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