HomeAdivasi Dailyराजस्थान: राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित होगा मानगढ़ धाम, CM अशोक...

राजस्थान: राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित होगा मानगढ़ धाम, CM अशोक गहलोत ने दी मंजूरी

राजस्थान में चुनाव होने वाला है. इसी बीच अशोक गहलोत ने आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए 1 करोड़ रुपये विकास कार्यों की वित्तीय स्वीकृती जारी की है. उन्होंने मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक की तरह विकसित करने की भी घोषणा की है.


राजस्थान में आगमी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मास्टर स्ट्रोक खेला है. राजस्थान सरकार ने समाज सुधारक गोविंद गुरु की साधना स्थली मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.


सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस स्वीकृति के तहत मानगढ़ तक जाने वाले सड़क मार्ग समेत विकास कार्य किए जाएंगे. सीएम गहलोत ने पिछले महीने विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त, 2023) पर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित कराने और 100 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाने की घोषणा की थी.


आदिवासी वोटर्स को लुभाने की कोशिश


मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए डीपीआर बनाने के प्रस्ताव को मंजूदी देकर गहलोत सरकार ने एक साथ दो निशाने साधे हैं. पहला तो सीएम गहलोत ने इस बजट स्वीकृति के साथ सीधा संदेश दिया है कि वह मानगढ़ धाम विकास को लेकर गंभीर हैं और अपने वायदे को पूरा करने की शुरुआत कर दी है.


दूसरा इस घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने आदिवासी वोट बैंक भी साधने की कोशिश की है. दरअसल, विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मानगढ़ में राहुल गांधी की चुनावी सभा हुई थी. इस दौरान CM अशोक गहलोत ने मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक की तरह विकसित किए जाने की घोषणा की.

ऐसे में विधानसभा चुनाव काफी नजदीक होने के चलते सीएम गहलोत के इस कदम को आदिवासी वोटर्स को साधने की कोशिश में मास्टर स्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है. वहीं सीएम गहलोत का आरोप हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग कर चुके हैं. लेकिन मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा नही दिया गया.


उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की उन्होंने कई बार मांग उठाई. लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में अब हम इसे राष्ट्रीय स्मारक की तरह विकसित करेंगे.


मानगढ़ धाम का इतिहास


राजस्थान-गुजरात सीमा पर बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम एक ऐतिहासिक स्थान है. 1913 में मानगढ़ धाम पर गोविंद गुरु महाराज अपने भक्तों के साथ आंदोलन कर रहे थे तभी ब्रिटिश सरकार ने सभी पर हमला कर दिया था. इस नर संहार में 1500 से अधिक आदिवासी भाई बहन शाहिद हुए थे.


इस मानगढ़ धाम को राजस्थान का जलियां वाला बाग हत्याकांड के रूप में भी देखा जाता है. यहां हर साल 17 नवंबर को आयोजन होता है और शहिद हुए लोगो को नमन किया जाता है. पिछले महीने नौ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने यहां बड़ी रैली की थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments