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झारखंड: करमा पूजा के बाद विसर्जन के दौरान हुआ बड़ा हादसा, तीन बच्चों की डूबने से मौत

कल यानी मंगलवार को झारखंड के करमा त्योहार में विसर्जन के दौरान एक की समय पर दो अलग जगहों पर बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में 3 नाबालिक लड़कियों के साथ-साथ एक लड़के की पानी में डूबने से मौत हो गई. यह दोनों घटना बारिश से जल स्तर बढ़ने से विसर्जन के दौरान डूबने से हुई.

झारखंड में करमा त्योहार आदिवासियों के प्रमुख त्योहारों में से एक है. जिसे आदिवासी बड़े धूमधाम से मनाते है. इस त्योहार को कृषि और प्रकृति के साथ-साथ भाई-बहन के निश्छल प्यार के रूप में भी मनाया जाता है.

इसमें करम डाइर और जावा की पूजा कि जाती है और झारखंडी पर्व-त्योहारों और सामाजिक-सांस्कृतिक उत्सवों में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाते है. लेकिन कई बार इस त्योहार के विसर्जन के दौरान कुछ दुखद घटनांए भी घट जाती है.

ऐसा ही मंगलवार को करमा पूजा के विसर्जन के दौरान हुआ. हजारीबाग और धनबाद जिलों में करमा पूजा के बाद विसर्जन अनुष्ठान के दौरान दो अलग-अलग घटनाओं में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई और दो बच्चे लापता हैं. पुलिस ने यह जानकारी दी.

दरअसल, हज़ारीबाग़ जिले के चौपारण ब्लॉक (Chouparan block) के एक बांध में ओबरा गांव (Obra village) की तीन लड़कियां विसर्जन के समय डूब गई और तीनों को ही नहीं बचाया जा सका.

इन तीनों लड़कियों की उम्र 13 से 14 वर्ष के बीच है और तीनों आठवीं कक्षा की छात्राएं हैं.

इन सब की पहचान दिव्या कुमारी (Divya Kumari), सपना कुमारी (Sapna Kumari) और सरस्वती कुमारी (Saraswati Kumari) के नाम से हुई है. इनमें से एक लड़की जिसका नाम दिव्या कुमारी है. र्सिफ उसका शव मिला है और बाकी बची दो लड़कियों के शव को अभी ढूंढा जा रहा है.

इसके साथ ही कल सुबह धनबाद जिले के बाघमारा थाना (Baghmara police station) के अंतर्गत जमुना नदी पर माटीगढ़ा बांध (Matigadha dam) में दो बच्चें विसर्जन अनुष्ठान के दौरान डूब गए. जिसके बाद स्थानीय गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शवों को बाहर निकाला और डुमरा अस्पताल ले गए. जहां इन दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया.

इन दोनों मृत बच्चों की पहचान 10 वर्षीय देवराज कुमार (Devraj Kumar) और 14 वर्षीय सलोनी कुमारी (Saloni Kumari) के रूप में हुई है. जो की माटीगढ़ा (Matigadha) शहर के रहने वाले है.

इसके साथ ही इसी जगह से तीन लड़कों को डूबने से बचाया भी गया है और इनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

दोनों ही हादसे सुबह 8 बजें के करीब हुए थे. जब यह लोग करमा त्योहार के विसर्जन अनुष्ठान में शामिल हुए थे. बारिश होने के कारण जल स्तर बढ़ा हुआ था और जिससे पानी में डूबने से हादसे हुए.

हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा की यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और हम सभी परिवारों से यह कहना चाहेंगे की वह बारिश के बाद विसर्जन के समय बच्चों को पानी से दूर रखें.

इसके साथ ही स्थानीय बचाव दल यानी गोताखोर और मछुआरों ने एक लड़की का शव पानी से बाहर निकाल लिया है और बाकी बची दो लड़कियों का शव एनडीआरएफ (NDRF) के मदद से ढूंढा जा रहा है.

इसके अलावा उन्होंने कहा की हम आपदा प्रबंधन नियम के अंतर्गत मृत लड़कियों के परिवार वालों को चार लाख मुआवजा दिलाने की कोशिश करेंगे.

वैसे बारिश के बाद जल का स्तर बढ़ने से कई लोगों के डूबने की खबरें आती है. जिनमें से कुछ लोगों को बचा लिया जाता है और कुछ लोगों की मौत हो जाती है. इसलिए बारिश के बाद विसर्जन के समय बच्चों को पानी से दूर रखना चाहिए. ताकी आस्था के साथ-साथ लोग भी सुरक्षित रहे सकें.

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