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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 2 की मौत, भीड़ ने एसपी ऑफिस पर बोला धावा

यह घटना तब हुई जब एक महत्वपूर्ण वीडियो में कथित तौर पर हथियारबंद लोगों के साथ देखे जाने के बाद एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन के बाद गुस्साई भीड़ ने चुराचांदपुर में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर धावा बोलने की कोशिश की.

मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले (Churachandpur district) में गुरुवार देर शाम एक बार फिर हिंसा भड़क गई. उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों पर धावा बोल दिया. सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 30 से अधिक लोग घायल हो गए.

हिंसा के ताजा मामलों के बाद राज्य सरकार ने कुकी-बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. वहीं ताजा तनाव उत्पन्न होने पर राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लागू कर दी है.

चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने कहा, ‘असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का उपयोग जनता की भावनाएं भड़काने के लिए कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं. जीवन की हानि, सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी के आसन्न खतरे को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है’.

वहीं दोनों मृतकों की पहचान नालोन गांव के कामखोमंग गंगटे के बेटे लेतलालखुओल गंगटे और एस कनान वेंग के सीलाल हाओकिप के बेटे थांगगुनलेन हाओकिप के रूप में की गई है.

यह घटना तब हुई जब एक महत्वपूर्ण वीडियो में कथित तौर पर हथियारबंद लोगों के साथ देखे जाने के बाद एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन के बाद गुस्साई भीड़ ने चुराचांदपुर में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर धावा बोलने की कोशिश की.

सूत्रों के मुताबिक आदिवासी कुकी समुदाय के एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुरुवार देर रात हिंसक भीड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गई.

दरअसल, चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर मणिपुर पुलिस के एक हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल को निलंबित कर दिया था. जिसमें उन्हें 14 फरवरी को सशस्त्र बदमाशों और गांव के स्वयंसेवकों के साथ पोज देते और बैठे देखा गया था.

चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने मणिपुर के ‘अनुशासित पुलिस बल’ के एक सदस्य द्वारा ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ का हवाला देते हुए हेड कांस्टेबल के निलंबन का आदेश जारी किया था.

ताजा तनाव के कारण चुराचांदपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर और एसपी कार्यालयों को हिंसक भीड़ ने आग लगा दी, साथ ही कार्यालय परिसर में खड़े कई वाहन भी जला दिए.

अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही हेड कांस्टेबल के निलंबन की खबर आई, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर हिंसक भीड़ इकट्ठा हो गई. उन्होंने कार्यालय का गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की. सुरक्षा बलों के रोकने पर भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया.

मणिपुर पुलिस ने कहा कि लगभग 300-400 लोग भीड़ का हिस्सा थे. चुराचांदपुर में आगजनी और झड़पें लगभग आधी रात तक चलीं, जिसके बाद शहर में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की  तैनाती की गई है.

चुराचांदपुर के आदिवासी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने एक बयान में कहा कि हेड कांस्टेबल को तुरंत निलंबित कर दिया गया, जबकि इसी तरह के वीडियो में हथियारबंद लोगों के साथ देखे गए मैतेई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

आईटीएलएफ ने चुराचांदपुर में बंद का आह्वान किया और पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे को 24 घंटे के भीतर पहाड़ी जिला छोड़ने को कहा है.

आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा, ‘अगर एसपी निष्पक्षता से काम नहीं कर सकते, तो हम उन्हें किसी भी आदिवासी इलाके में नहीं रहने देंगे. उन्हें तत्काल पुलिसकर्मी का निलंबन रद्द कर 24 घंटे के अंदर जिला छोड़ देना चाहिए. अन्यथा, भविष्य में किसी भी घटना के लिए पूरी तरह से सुर्वे जिम्मेदार होंगे’.

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