मिज़ोरम में शाम 5 बजे तक 75.88 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. निर्वाचन आयोग ने मतगणना का दिन 3 दिसंबर तय किया है. ईसाई-बहुल राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से मतगणना की तारीख बदलने का आग्रह किया है क्योंकि उस दिन गिरजाघर में कार्यक्रम होते हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक मिज़ोरम विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक करीब 69.86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
मिज़ोरम में कुल 8.57 लाख मतदाता चुनाव में वोट करने के पात्र हैं. अधिकारियों ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चला.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मतदान के शुरुआती छह घंटों में 52.73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, मिज़ोरम के 11 जिलों में सेरछिप में सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया.
अधिकारियों के मुताबिक, दोपहर एक बजे तक सेरछिप में 60.37 प्रतिशत, खौझौल में 60.20 प्रतिशत और लॉन्गतलाई में 59.31 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया.
राज्य के 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे. इनमें 4.39 लाख महिला मतदाता शामिल हैं.
मिज़ोरम के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में कोई दिक्कत नहीं हुई.
EVM खराब होने की वजह से CM नहीं डाल पाए थे अपना वोट
मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आइजोल उत्तर-द्वितीय विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 19-आइजोल वेंगलाई-I वाईएमए हॉल मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने पहुंचे लेकिन मशीन खराब होने के कारण वह वोट नहीं डाल सके.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “मशीन काम नहीं कर रही थी तो मैंने कहा कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करूंगा और उसके बाद मतदान करूंगा.”
वहीं मिज़ोरम कांग्रेस प्रमुख लालसावता ने आइजोल के मिशन वेंगथलांग में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला.
मतदान के बाद उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि हम इससे ज्यादा सीटें हासिल कर पाएंगे. मेरा मानना है कि हमारे पास बहुमत होगा.
सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF), मुख्य विपक्षी दल ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) और कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) 23 सीट पर चुनाव लड़ रही है और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. इसके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार हैं.
40 सदस्यीय राज्य विधानसभा एकमात्र चुनावी राज्य है जहां कांग्रेस और भाजपा प्राथमिक दावेदार नहीं हैं.
2018 के विधानसभा चुनावों में मिज़ो नेशनल फ्रंट ने 37.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 26 सीटें हासिल कीं और 10 साल पुरानी कांग्रेस सरकार को हराकर विजयी हुई.
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पांच सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को एक सीट मिली, जिसने उत्तर-पूर्वी राज्य में अपनी पहली सीट हासिल की.
मतगणना की तारीख बदलने की मांग
वहीं साथ ही मिज़ोरम के 65 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता लालबियाकथंगा ने मतगणना की तारीख बदलने की मांग पर निर्वाचन आयोग की ‘चुप्पी’ के खिलाफ मंगलवार को अनशन किया.
निर्वाचन आयोग ने मतगणना का दिन 3 दिसंबर यानी रविवार तय किया है. ईसाई-बहुल राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से मतगणना की तिथि बदलने का आग्रह किया है क्योंकि रविवार को गिरजाघर के कार्यक्रम होते हैं.
लालबियाकथंगा ने निर्वाचन आयोग को भी इस मांग को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने अनशन के साथ अपना विरोध जताने के लिए मतदान का दिन चुना. वह आइजोल के मध्य में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले सभागार ‘वनपा हॉल’ के सामने जा बैठे.
लालबियाकथंगा को ‘वॉक-ए-थॉन मैन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता के लिए कई बार सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा की है.
लालबियाकथंगा ने इस साल मई में आइजोल से मणिपुर के चुराचांदपुर तक 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने के लिए 10 दिनों तक पदयात्रा की थी. उन्होंने यह पदयात्रा जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए की थी.