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बांदीपुर टाइगर रिजर्व में लापता आदिवासी शख्स का आंशिक रूप से खाया हुआ शव मिला

वन अधिकारियों को शव तक पहुंचने के लिए लगभग तीन किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ी. शव आंशिक रूप से खाया हुआ पाया गया.

कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व के कुंडकेरे रेंज में एक पहाड़ी पर मंगलवार सुबह एक 50 वर्षीय आदिवासी शख्स का आंशिक रूप से खाया हुआ शव मिला.

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आदिवासी शख्स, बसवैया सोमवार शाम वन क्षेत्र के अंदर से जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने गया था. वन अधिकारियों ने बताया कि जब वह घर नहीं लौटा तो संबंधित अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया और उसकी तलाश की गई.

आदिवासी व्यक्ति के लापता होने की सूचना मिलने के बाद बांदीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक रमेश कुमार ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया.

उन्होंने बताया कि बसवैया, जो जेनुकुरुबा आदिवासी समूह से है. उसके 10 दिसंबर से लापता होने की सूचना मिलने के बाद तलाशी शुरू की गई. जिसके बाद कुंडकेरे रेंज में एक पहाड़ी पर उसका आंशिक रूप से खाया हुआ शव बरामद किया गया.

रमेश कुमार ने कहा, “हमारी टीम को शव की तलाश में वन क्षेत्र के अंदर लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी. हमें आधा खाया हुआ शव मिला. अब तक केवल उसका सिर, हाथ और शरीर का ऊपरी हिस्सा, जिसे जानवर ने आंशिक रूप से खाया था, बरामद किया गया है.”

उन्होंने आगे कहा कि हमें संदेह है कि यह बाघ के हमले का मामला है. हालांकि, हमारी टीमें शरीर के अन्य हिस्सों का भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उस आदमी पर वास्तव में बाघ या फिर किसी अन्य जानवर ने हमला किया था.

बांदीपुर नेशनल पार्क में वर्तमान समय में विलुप्त होने के कगार पर हो चुकी वनस्‍पतियां और जीव जंतु पाए जाते हैं.

इस नेशनल पार्क में हाथी, बाघ, टाइगर, चार सींग वाले मृग, मगरमच्‍छ, भारतीय रॉक पायथन जैसे कई अन्‍य जानवर हैं. इसके अलावा इस वन क्षेत्र में सागौन, शीशम, चंदन, बांस और ग्रेविया टिबिअ फोलिया आदि वनस्‍पतियां पाई जाती हैं.

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