तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले से कार्यस्थल पर एक आदिवासी जोड़े की पिटाई का वीडियो सामने आया है.
इरुला आदिवासी समुदाय के एक आदिवासी दंपत्ति पलानी के पास एक ईंट भट्टे पर काम करते थे, वहीं पर काम करने वाले दो अन्य लोगों ने उन्हें बेरहमी से पीटा.
रविवार शाम को इस चोटों से जख्मी इस दंपत्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया था. दोनों का इलाज पलानी के सरकारी अस्पताल में चल रहा है.
क्या है पूरा मामला
पीड़ित दंपत्ति, 21 वर्षीय एन पार्थिबन और 19 वर्षीय पी रेणुका अपनी आठ महीने की बेटी और रिश्तेदारों ए मुथम्मल (38), अन्नामलाई (45), और ए मुथरासन (20), मेलमलयानूर, विल्लुपुरम के साथ नारिक्कलपट्टी में आरसी चैंबर ईंट भट्टे पर काम कर रहे थे.
पार्थिबन ने कहा, “हम तीन परिवार थे. एक परिचित से इस जगह के बारे में जानने के बाद पांच महीने पहले यहां लाए गए थे. मालिक ने हमें काम करने के लिए मजबूर किया और हमें यह कहकर घर वापस नहीं जाने दिया कि हमें एक साल तक रहना होगा. जब हमने विरोध किया तो हमें पीटा गया.”
उन्होंने आगे बताया कि जब हम अस्पताल में थे तब भी मालिक ने हमें काम पर वापस आने की धमकी दी थी.
पार्थिबन के पैर में चोट लग गई है जिससे वह चलने में असमर्थ हो गए हैं. जबकि उनकी पत्नी के चेहरे पर चोटें आईं.
पार्तिबान को पैरों पर मारा गया है जिस कारण वह चल भी नहीं पा रहा और उसकी पत्नी रेनुका को चहरे पर घाव दिए गए हैं.
डिंडीगुल के पुलिस अधीक्षक डॉ. ए प्रदीप ने कहा कि घटना के बाद मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा कि जिन दो लोगों को हमले के पीछे शामिल पाया गया है वे भी उसी ईंट भट्टे पर काम करते थे. कुछ विवादों के कारण उन्होंने दंपत्ति पर हमला किया. इनमें से एक उसी समुदाय का भी है. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
आरडीओ (Revenue Division Officer) से जांच भी करवायी गई. विझुथुगल के जिला समन्वयक वी गोविंदराज ने कहा कि दंपत्ति को मुआवजा दिए जाने की जरूरत है.
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