तिरुवनंतपुरम जिले के थलथुथाकावु आदिवासी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का जीवन जंगली जानवरों से खतरे के कारण संकट में है. छात्रों को कई सालों से जंगली जानवरों, जिनमें बाइसन, हाथी और जंगली सूअर शामिल हैं के खतरे का सामना करना पड़ रहा है.
हाल ही में जंगली हाथियों ने उन पेड़ों को नष्ट कर दिया जो स्कूल की इमारत के बहुत करीब हैं. ग्यारह आदिवासी बस्ती क्षेत्रों के लगभग 28 आदिवासी छात्र यहां पढ़ रहे हैं.
हाथियों के झुंड को बुधवार को स्कूल के पास रहने वाले पीटीए कमेटी के सदस्य महेश और सुरेश ने देखा. उन्होंने जल्दी सुबह स्कूल के पास हाथियों को देखा. हाथियों के झुंड ने परिसर के ज्यादातर पेड़ों को नष्ट कर दिया है.
थलथुथाकावु आदिवासी स्कूल के एक शिक्षक जैन पी ने कहा, “हाथी ने परिसर में नारियल के पेड़ों को नष्ट कर दिया है. यह निश्चित है कि हाथियों का झुंड नारियल के लिए फिर से आएगा. हम स्कूल के चारों ओर अहाते की दीवार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वन रेंज कार्यालय ने हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है. हम पालोड रेंज कार्यालय के अधिकारियों से फिर से बात करने की योजना बना रहे हैं. अगर वे अनुमति देने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो हम निश्चित रूप से कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे.”
स्कूल के प्रिंसिपल अशरफ एम ने कहा, “छात्र इस परिसर में सुरक्षित नहीं हैं. माता-पिता वास्तव में अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं.”
इन जंगली जानवरों द्वारा की गई गड़बड़ी के कारण स्कूल ने कक्षाएं भी स्थगित कर दी थी. वन विभाग ने परिसर की दीवार के लिए अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा है कि स्कूल के अधिकारी जरूरी दस्तावेज पेश करने में विफल रहे हैं. यह मांग पीटीए कमेटी के सदस्यों ने रखी.