HomeAdivasi Dailyमणिपुर के आदिवासी इलाकों में दो दिन का बंद, हिंसा और आगजनी...

मणिपुर के आदिवासी इलाकों में दो दिन का बंद, हिंसा और आगजनी जारी

कल मुणिपुर में कुछ कुकी-जो आदिवासी संगठनों ने मिलकर कुकी-ज़ो प्रभावित क्षेत्रों को पूर्ण रुप से 2 दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया गया है.

मणिपुर हिंसा खत्म होती नज़र नहीं आ रही है. इस राज्य से हिंसा की कोई ना कोई ख़बर रोज़ ही आती है.

कल यानी मंगलवार 2 जनवरी को पहाड़ी इलाकों में बसे आदिवासियों के संगठनों ने मणिपुर बंद का ऐलान किया था. यह बंद 4 जनवरी गुरुवार तक चलेगा.

क्या है पूरा मामला ?

आदिवासी एकता समिति, सीओटीयू यानी कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी सदर हिल्स (CoTU- The Committee on Tribal Unity Sadar Hills), आईटीएलएफ यानी इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF- Indigenous Tribal Leaders Forum) और मणिपुर में दो बड़े कुकी-ज़ो आदिवासी संगठनों (Kuk-Zo tribal bodies) ने मिलकर सभी कुकी-ज़ो वाले क्षेत्रों में 24 घंटे के लिए पूर्ण बंद का ऐलान किया है.

यानि मणिपुर में 4 जनवरी 2024 तक कुकी-जो वाले क्षेत्रों में पूर्ण बंद रहेगा.

मणिपुर के आदिवासी संगठनों की मांग है कि सभी कुकी-जो ज़िलों से मैतेई राज्य बलों को हटाया जाए.

इस मामले में सीओटीयू और आईटीएलएफ ने यह कहा है कि दो समुदायों से जुड़े जातीय संघर्ष के दौरान मोरेह नाम की जगह (Moreh) के साथ ही आसपास के आदिवासी इलाकों में सांप्रदायिक मैतेई राज्य बलों की घुसपैठ स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री द्वारा राज्य मशीनरी का उपयोग करके आदिवासियों को उनके घरों से बाहर निकालने का एक प्रयास है.

कुकी-ज़ो लोगों द्वारा इसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

आदिवासी संगठनों का कहना है कि मैतई कमांडो जिस तरह से क्रूरता दिखा रहे हैं उस स्थिति में कुकी-जो के पास खुद का बचाव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि मोरेह के लोगों ने मई से केंद्र सरकार से मैतेई राज्य बलों को तटस्थ केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ बदलने की गुहार लगाई है.

गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मई को कहा था कि सभी मैतेई बलों को तीन दिनों के भीतर हटा दिया जाएगा.

गृह मंत्री ने आईटीएलएफ नेताओं के साथ अपनी बैठक में यह आश्वासन दिया था कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्रीय बल राज्य बलों के साथ मिलकर काम करे.

जब केंद्र सरकार ने मोरेह और उसके आसपास के आदिवासी बहुल बस्तियों से सभी मैतेई राज्य बलों, विशेष रुप से कमांडो को हटाने का आग्रह किया था. तब दो बड़े कुकी-ज़ो आदिवासी संगठनों ने यह कहा था कि जब तक मैतेई राज्य बल कुकी-जो क्षेत्रों में तैनात हैं, तब तक कोई शांति नहीं हो सकती है.

इसी बीच कुकी इनपी सदर हिल्स (Kuki Inpi Sadar Hills) एंव किश (KISH) ने अरामबाई तेंगगोल, मैतेई लीपुन और मणिपुर पुलिस कमांडो की कथित संयुक्त सेना द्वारा कुकी-ज़ो नागरिकों पर लगातार हमलों का विरोध किया है.
किश ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल लोगों के जीवन पर खतरा है बल्कि तनाव भी बढ़ता है.

जिससे की क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ने के साथ ही कुकी-ज़ो समुदायों की भलाई, सुरक्षा और सद्भाव को भी प्रभावित होती है.

क्या है शिकायतें ?

ऐसा दावा किया जा रहा है कि बार-बार आदिवासी संगठनों की अपील नहीं सुनी जा रही है.

वहीं दूसरी और मैतेई उग्रवादी एंव मैतेई पुलिस कमांडो की सेना ने मिलकर मोरेह एंव उसके आसपास इलाके में आतंक फैला दिया है.

कुकी संगठनों का कहना है कि मोरेह के लांगनोम वेंग में घरों को आग लगाने की वारदातें हो रही हैं. यहां एक निजी स्कूल शिक्षक के साथ ही निर्दोष लोगों को हिरासत में लेकर पीटने की घटना भी पता चली है.

यहां तक कि कुकी-जो नागरिकों को मारने और घायल करने के लिए टी यांगनोम और टी लांगनोमफाई गांव के इलाकों में बम भी लगाए है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments