केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) देश को हॉकी में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले जयपाल सिंह मुंडा (Jaipal Singh Munda) की 121वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.
जयपाल मुंडा के पैतृक गांव टकरा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. अर्जुन मुंडा ने उस कार्यक्रम संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज को जागृत होने की जरुरत है.
उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समस्या पर बोलने वाले बहुत कम लोग है. उन लोगों की संख्या इतनी कम है कि सामाजिक दृष्टि से मजबूत होने के बाद भी विकास की दृष्टि से वह लोग पीछे ही हैं.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को आदिवासियों से आगे बढ़ने का आग्रह किया था.
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज का पिछड़ापन देश का भी पिछड़ापन है. प्रधानमंत्री ने विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सभी का आह्वान किया है कि सब मिलकर आगे बढ़े.
अर्जुन मुंडा ने संबोधन में बताया कि भगवान बिरसा मुंडा ने कहा था कि जल, जंगल और प्रकृति ही हमारा जीवन है. यह प्रकृति नैसर्गिक बनी रहनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जनजातीय मंत्रालय द्वारा आदिवासियों के विकास के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन राज्य सरकार उस राशि को खर्च नहीं कर पा रही है.
कार्यक्रम
अर्जुन मुंडा ने संबोधित करने से पहले टकरा गांव में जयपाल सिंह मुंडा के समाधि स्थल पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी.
टकरा गांव के मोड़ पर स्थित जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा पर उन्होंने माल्यार्पण भी किया.
इस अवसर पर गांव में खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था.
इस मौके पर खूंटी के उपायुक्त लोकेश मिश्र, एसपी अमन कुमार, परियोजना निदेशक आईटीडीए श्रीकांत विस्पुते, प्रमुख छोटराय मुंडा, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार के साथ ही अन्य लोग भी उपस्थित थे.
योजनाओं का किया शिलान्यास
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने टकरा गांव में कई योजनाओं का शिलान्यास किया है.
उन्होंने टकरा गांव को आर्दश गांव बनाने के लिए जनजातीय मंत्रालय द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई है. टकरा गांव हॉकी की जननी रहा है इसलिए यहां हॉकी का मैदान तैयार किया जा रहा है.
इसके साथ सिंचाई और सड़क निमार्ण कार्य को भी मंजूरी दी गई है.
आदर्श ग्राम के लिए जरुरी बुनियादी सुविधाओं के अंतर्गत शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है. टकरा गांव को सांसद आदर्श गांव बनाने की योजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचा समेत कई जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित किया जा रहा है.
जयपाल सिंह मुंडा
जयपाल सिंह मुंडा का जन्म 3 जनवरी 1903 को झारखंड के खूंटी ज़िले के टकरा गांव में हुआ था.
उनके बचपन का नाम प्रमोद पाहन होने का दावा किया जाता है.
जयपाल सिंह मुंडा के पिता का नाम अमरू पाहन और माता का नाम राधामणी था.
उनको लोग ‘मरांग गोमके’ के नाम से भी जानते है. मरांग गोमके का मतलब महान नेता है.
जयपाल सिंह मुंडा ने अपनी शुरूआती शिक्षा रांची के सेंट पॉल स्कूल से की है. इसके बाद वह साल 1918 में अपने स्कूल के प्रिंसिपल के साथ इंग्लैंड चले गये थे.
फिर साल 1920 में उनका कैंटरबरी के सेंट ऑगस्टाइन कॉलेज में नामांकन हुआ. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट जॉन्स कॉलेज से साल 1926 में अर्थशास्त्र स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
साल 1928 में उनका चयन आईसीएस भारतीय सिविल सेवा में हो गया.
इसके अलावा जयपाल सिंह मुंडा खूंटी संसदीय क्षेत्र से पहले सांसद भी रह चुके है. उन्होंने लगातार पांच बार संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
इतना ही नहीं वो एक महान हॉकी खिलाड़ी भी रह चुके हैं. जयपाल सिंह मुंडा के नेतृत्व में भारतीय टीम ने साल 1928 के ओलंपिक में पहला स्वर्ण जीता था.
वह संविधान सभा के सदस्य भी थे. उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राज्य सरकार ने मुरही पंचायत के अंतर्गत उनके पैतृक गांव टकरा को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था.