मिज़ोरम में आगामी विधानसभा चुनाव (Mizoram assembly elections) के लिए 16 महिलाओं समेत कुल 174 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि आज नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर है.
उन्होंने बताया कि सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), विपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) और कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.
अधिकारी ने कहा कि एमएनएफ ने राज्य विधानसभा की सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 25 मौजूदा विधायक भी शामिल हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 23 उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी (AAP) के चार उम्मीदवार और 27 निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है.
वहीं नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने आइजोल ईस्ट-1 से अपना नामांकन दाखिल किया.
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सीएम और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी सत्ता बरकरार रखेगी और आगामी चुनावों में 40 सदस्यीय विधानसभा में 25 से अधिक सीटें जीतेगी.
उन्होंने कहा, “हालांकि मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र से अधिक वोटों से जीतूंगा और मिज़ो नेशनल फ्रंट राज्य का विधानसभा चुनाव अगले कार्यकाल के लिए जीतेगा.”
उन्होंने आगे कहा, “जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) कांग्रेस से अधिक कड़ा प्रतिद्वंद्वी होगा, मुझे विश्वास है कि मतदाता एमएनएफ से संतुष्ट हैं और इस साल के चुनाव में पार्टी 25 से अधिक सीटें जीतेगी.”
राहुल गांधी के इस बयान पर कि एमएनएफ और जेडपीएम मिजोरम में पैठ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के उपकरण हैं, ज़ोरमथांगा ने कहा, “एमएनएफ का आरएसएस के साथ कोई संबंध या समझौता नहीं है. हम केंद्र में एनडीए (National Democratic Alliance) और एनईडीए (North-East Democratic Alliance) का हिस्सा हैं क्योंकि हम कांग्रेस पार्टी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं. इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी पार्टी के नियंत्रण में हैं. भाजपा की राजनीतिक विचारधारा एमएनएफ से बिल्कुल अलग है.”
नवंबर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में एमएनएफ ने 26 सीटें हासिल की थीं और कुल मतदान का 37.69 प्रतिशत वोट हासिल किया था. बाद में पार्टी ने दो विधानसभा उपचुनाव जीते, जिससे उसकी सीटें बढ़कर 28 हो गईं.
वहीं 87 फीसदी ईसाई आबादी वाले मिज़ोरम में राजनीतिक दलों, चर्चों, सामाजिक संगठनों और छात्र निकायों ने चुनाव आयोग से मतगणना की तारीख को पुन: निर्धारित करने का आग्रह किया था क्योंकि मतगणना की तारीख रविवार को पड़ रही है, जो ईसाइयों के लिए एक पवित्र दिन है.
फिलहाल, निर्वाचन आयोग ने अभी तक इन अनुरोधों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. विधानसभा चुनाव में 4,38,925 महिला मतदाताओं सहित कुल 8,56,868 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं.
मिज़ोरम में विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.