महाराष्ट्र (Tribes of Maharashtra) की पालघर (Palghar) लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) सीट राजनीतिक दलों का केंद्र बनी हुई है. सोमवार को वसई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सार्वजनिक बैठक और उसके अगले दिन शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के आगमन से यह लोकसभा क्षेत्र राजनीतिक दलों का केंद्र बन गया है.
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें है, इनमें से 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इन आरक्षित सीटों में से पालघर भी एक निर्वाचन क्षेत्र है.
पालघर में 20 मई को पांचवे चरण में मतदान होंगे. पालघर के अलावा पांचवे चरण में राज्य की 12 सीटों पर भी वोटिंग होगी.
पालघर लोकसभा क्षेत्र में 60 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी रहते हैं. यहां रहने वाले आदिवासी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं.
पालघर के आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग मुंबई या फिर गुजरात की ओर रोज़गार की तलाश में पलायन करते हैं.
पालघर आदिवासी इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भी भारी कमी है.
इसके अलावा कुपोषण से मौते पालघर के आदिवासी इलाकों को हमेशा सुर्खियों में रखता है. पालघर लोकसभा क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पानी की भीषण कमी है.
पालघर लोकसभा सीट पर बीजेपी के डॉ हेमंत सावरा और यूबीटी के भारती कामडी के बीच बराबरी का मुकाबला देखने को मिलेगा.
इस क्षेत्र में देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे की शुरूआत की जा रही है. बुलेट ट्रेन के निर्माण कार्य के खिलाफ कई स्थानीय लोगों ने पहले विरोध किया था.
लेकिन अब यह विरोध धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. यहां रहने वाले आदिवासी और अन्य समुदाय के लोगों ने सरकार द्वारा दिए गए मुआवज़े को अपना लिया है.
पालघर निर्वाचन क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण मतदाता दोनों शामिल हैं. इनमें ईसाई और मुस्लिम समुदायों का झुकाव एमवीए उम्मीदवार कामदी की ओर होने की संभावना जाताई जा रही है.
महाराष्ट्रीयन वोट तो पहले से निर्णायक है. यह या तो शिवसेना (यूबीटी) या बीजेपी की ओर जा सकता है.
इसके साथ ही पालघर क्षेत्र में उत्तर भारतीय और गुजराती मतदाता भी कुल मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं.