मणिपुर में मई से शुरू हुई जातीय हिंसा को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. मणिपुर पुलिस ने हिंसा के दौरान मामरे गए लोगों, घायलों, आगजनी की घटनाओं और लूटे गए हथियारों के आंकड़े जारी किए हैं. पुलिस के मुताबिक 3 मई से जारी जातीय संघर्ष में अबतक 175 लोगों की मौत हो चुकी है.
पुलिस ने बताया कि राज्य में 96 शव अभी भी लावारिस पड़े हैं. इनमें से राजधानी इंफाल स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में क्रमश: 28 और 26 शव हैं और 42 चुराचांदपुर के अस्पताल में हैं. वर्तमान स्थिति के संबंध में गुरुवार शाम को इंफाल में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में पुलिस ने ये जानकारी दी.
इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक आईके मुइवा के साथ आईजीपी जयंतकुमार (एडमिन) निशित उज्जवल (इंटेलिजेंट) के अलावा आईजीपी (जोन ll) के कबीब भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि हिंसा में 1118 लोग घायल हुए हैं जबकि 33 अभी भी लापता हैं. अब तक 9,332 FIR दर्ज की गई हैं और 325 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि इस हिंसा में कुल 4,786 मकानों को आग के हवाले किया गया और 386 धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया. इस दौरान 254 चर्चों और 132 मंदिरों को भी तोड़ा गया है. वहीं आगजनी के कम से कम 5,172 मामले दर्ज किए गए हैं.
पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आईके मुइवा ने कहा, ‘‘मणिपुर इस समय जिस चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है. ऐसे में हम आपको भरोसा दिला सकते हैं कि केंद्रीय बल, पुलिस और नगर निकाय प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है.’’
उन्होंने बताया कि हिंसा की शुरुआत से अब तक उपद्रवी 5,668 हथियारों को लूट कर ले गए हैं. इनमें से सुरक्षाबलों ने 1,329 हथियारों को बरामद कर लिया है. 15,050 गोला-बारूद और 400 बम भी बरामद किए गए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में 360 से अधिक अवैध बंकरों को भी नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि इंफाल-चुराचांदपुर सड़क पर करीब एक किलोमीटर की दूरी पर फोगाचाओ इखाई और कांगवई के बीच लगाए गए बैरिकेड भी आज दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने यौन उत्पीड़न, एसिड हमले की पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवजा योजना की घोषणा
मणिपुर सरकार ने यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों की पीड़ित महिलाओं के लिए एक मुआवजा योजना को मंजूरी दे दी है. यह जानकारी एक आधिकारिक आदेश से मिली.
आयुक्त (गृह) टी रणजीत सिंह द्वारा 14 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने ‘यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों की पीड़ित महिलाओं के लिए मणिपुर मुआवजा योजना, 2023’ को मंजूरी दे दी है.
योजना के तहत सामूहिक बलात्कार पीड़िता को न्यूनतम 5 लाख रुपये से अधिकतम 10 लाख रुपये, जबकि बलात्कार पीड़िता को 4 से 7 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं एसिड अटैक पीड़िता को 7 से 8 लाख रुपये मिलेंगे.
आदेश में कहा गया है कि महिला के जान गंवाने या उनके गुमशुदा होने की स्थिति में मुआवजा राशि 5 से 10 लाख रुपये होगी.
यह योजना उन पीड़ितों और उनके आश्रितों पर लागू होगी जिन्हें अपराध के परिणामस्वरूप हानि या चोट पहुंची है और जिन्हें पुनर्वास की जरूरत है.
इसमें कहा गया है कि मणिपुर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एमएएलएसए) या जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा तय किए गए मुआवजे का भुगतान पीड़ित महिला या उसके आश्रितों को किया जाएगा.