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ओडिशा के आदिवासी स्कूलों में संस्कृति को जिंदा रखने की अनोखी पहल  

इस प्रोग्राम की शुरूआत सबसे पहले ओडिशा के मयूरज और रायगड़ा ज़िले के स्कूलों से की गई है. इस प्रोग्राम के तहत सभी बच्चों को आदिवासी संस्कृति से जोड़े रखने के लिए भिन्न-भिन्न प्रतियोगिताएं और कार्यशाला होंगी.

ओडिशा(Tribe of Odisha) के आदिवासी स्कूलों में जल्दी ही ‘ परिचिति प्रोग्राम ’की शुरूआत होने वाली है. इस प्रोग्राम (Parichiti Program) का उद्देश्य आदिवासी बच्चों को उनकी पंरपरा और संस्कृति से जोड़े रखना है.

इस प्रोग्राम की शुरूआत सबसे पहले राज्य के मयूरभंज(Mayurbhanj District) और रायगड़ा ज़िले (Raygada district) के चुने हुए 99 सकूलों से की जाएगी.

इस प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों के बीच जनजातीय कला, संगीत, नृत्य इत्यादि से संबंधित कई प्रतियोगिताएँ और कार्यशाला आयोजित होंगी.

सभी प्रतियोगिताएँ और कार्यशाला, सही संचालन में हों इसके लिए एक शिक्षक भी नियुक्त किया जाएगा.

यह भी पता चला है की सभी चयनित स्कूलों में ट्राइबल रिसोर्स कम म्यूजियम(Tribal resources cum museum) स्थापित होंगे.

इस संग्रहालय में आदिवासियों से जुड़ी कलाकृतियाँ, आभूषण, कपड़े, वाद्य यंत्र और शिकार में इस्तेमाल होने वाले औजारों को रखा जाएगा.

संग्रहालय के सदस्यों के अलावा अध्यापक और बच्चे भी संग्रहालय के लिए वस्तुओं का प्रबंध करवा सकते है.

इसके अलावा सभी स्कूलों में आइकन गैलरी(icon gallery) यानि आदिवासी नायकों से जुड़ी जानकारी मौजूद होगी. जिसे ‘ अमा गौरव ’ का नाम दिया गया है.

इस गैलरी में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और कलाकारों की तस्वीरे लगाई जाएगी.

वहीं सभी स्कूलों में अमा लेखा, अमा संस्कृति नामक एक पत्रिका भी होगी. इस पत्रिका के माध्यम से सभी बच्चे अपने समुदाय से जुड़ी जानकारियां दे पाएंगे. यह जानकारी लेख, कविता, चित्र और अन्य किसी हस्तकला के माध्यम से दी जा सकती है.

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