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त्रिपुरा: एक बार फिर गूंजी ग्रेटर टिपरालैंड की मांग, 14 अक्टूबर को निकलेगी रैली

पूर्व शाही वंशज देब बर्मन ने कहा कि वह 14 अक्टूबर को खुमुलवांग में टीटीएएडीसी मुख्यालय में एक विशाल रैली आयोजित करेंगे. उन्होंने कहा की यह रैला उनकी मांग पूरी नहीं होने के कारण की जा रही है.

त्रिपुरा के लोग काफी लंबे समय से ग्रेटर टिपरालैंड की मांग कर रहे है. उनका कहना है कि त्रिपुरा में उनकी पहचान गुम होती जा रही है और उनक अस्तिव भी खतरें में है.

इसी मांग को लेकर त्रिपुरा के लोग यानी त्रिपरासा बहुत बार आंदोलन कर चुके है. यहां तक की इसी मांग को लेकर त्रिपुरा में एक नई पार्टी बनी थी. जिसका नाम टिपरा मोथा (TIPRA Motha) है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस पार्टी को जनता का काफी समर्थन भी मिला.

लेकिन इन सब बातों से भी कुछ नहीं हुआ और ग्रेटर टिपरालैंड की मांग अभी भी वहीं के वहीं है. ऐसे में इसी मांग को लेकर एक बार फिर रैली निकालने की बात की जा रही है

दरअसल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से मुलाकात के एक दिन बाद टिपरा मोथा पार्टी के सुप्रीमो प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन ने गुरुवार को दिल्ली रवाना होने से पहले आदिवासियों की उपेक्षा और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) का गठन न किए जाने के विरोध में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.

इसके साथ ही देबबर्मन ने बताया कि मैंने टीटीएएडीसी को पर्याप्त फंडिंग के बारे में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दोनों से चर्चा की है. लेकिन स्वायत्त निकाय को राज्य सरकार से उचित धन नहीं मिल रहा है.

वैसे टिपरा मोथी राज्य का मुख्य आदिवासी राजनीतिक संगठन अप्रैल 2021 में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण टीटीएएडीसी पर कब्जा करने के बाद ग्रेटर टिपरालैंड राज्य या संविधान के अनुच्छेद 2 और 3 के तहत एक अलग राज्य का दर्जा देकर स्वायत्त निकाय के क्षेत्रों को बढ़ाने की मांग कर रहा है.

इससे पहले भी टिपरा ने 30 सितंबर को टीटीएएडीसी के तहत आने वाले क्षेत्रों में 12 घंटे का बंद रखा था.

पूर्व शाही वंशज देबबर्मन ने कहा कि वह 14 अक्टूबर को खुमुलवांग में टीटीएएडीसी मुख्यालय में एक विशाल रैली आयोजित करेंगे.

यह रैली उनकी पार्टी स्वायत्त निकाय से वंचित हो गई और ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग के लिए करेंगे.

इसके साथ ही उन्होंने टीटीएएडीसी की फंड की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए उचित धन आवंटित करने में विफल रहने का आरोप भी लगाया है.

देब बर्मन ने गुरुवार को मुख्य सचिव जे.के. सिन्हा से मिलने से पहले बुधवार देर रात को मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी.

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