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अमित शाह ने की आदिवासी नौजवानों से माओवाद मिटाने में मदद की अपील

गृह मंत्रालय पिछले 15 वर्षों से (TYEP) जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम(TRIBAL YOUTH EXCHANGE PROGRAM) चला रहा है. यह कार्यक्रम युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) Nehru Yuva Kendra Sangathan द्वारा चलाया जाता है, जो खेल मंत्रालय के अधीन है.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं के साथ मुलाकात की.

अमित शाह (AMIT SHAH) ने आदिवासी युवाओं के साथ बातचीत में यह अपील की है कि वे देश से नक्सलवाद की विचारधारा को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएं.

उन्होंने कहा की नक्सलवाद युवाओं के विकास और उज्जवल भविष्य की राह में बाधाएं पैदा कर रहा है.

युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में करीब 200 आदिवासी युवाओं के साथ बातचीत करते हुए यह भी कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  देश की आजादी में अपना सब कुछ बलिदान करने वाले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से देश भर में 10 आदिवासी संग्रहालय बनाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा की हिंसा से नौकरियां पैदा नहीं हो सकती और विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण के लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होना जरुरी है.

गृह मंत्रालय पिछले 15 वर्षों से (TYEP) जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम(TRIBAL YOUTH EXCHANGE PROGRAM) चला रहा है. यह कार्यक्रम युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) Nehru Yuva Kendra Sangathan द्वारा चलाया जाता है, जो खेल मंत्रालय के अधीन है.

वहीं इस कार्यक्रम में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से सबसे अधिक प्रभावित आंतरिक क्षेत्रों के आदिवासी समुदायों के युवा पुरुषों और महिलाओं को देश के प्रमुख शहरों और शहरी केंद्रों की यात्रा के लिए आमंत्रित किया जाता है.

इस कार्यक्रम में संवैधानिक निकायों, उंच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों, खेल, उधोग और कला की उत्कृष्ट हस्तियों और अन्य रोल मॉडल को युवाओं से बात करने के लिए आमंत्रित किया जाता है.

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की आकांक्षाओं को बढ़ावा देना हैं. नक्सलियों द्वारा फैलाए गए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार का मुकाबला करना है.

आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं को विकासात्मक गतिविधियों और औधोगिक गतिविधियों के बारे में शिक्षित करना है. प्रगति, और उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराना है.

जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में 2006-07 से 2-22-23 तक जनजातीय समुदाय के 25,880 युवाओं ने भाग लिया है.

इस वर्ष युवाओं (TYEP) में 5000 युवक-युवतियां भाग ले रहे हैं. टीवीईईपी के तहत इस वर्ष युवाओं को 25 समूहों में देश भर के प्रमुख शहरों और महानगरों का भ्रमण कराया जा रहा है.

इस बात में तो कोई संदेह नहीं हो सकता है कि यह कार्यक्रम आदिवासी इलाकों में नौजवानों को हिंसा की तरफ जाने से रोकने में कारगर हो सकता है.

लेकिन इस तरह के कार्यक्रम इस काम मे कितना सफल होते हैं इसका आकलन भी ज़रूरी है. जिससे इस तरह के कार्यक्रमों में समय और ज़रूरत के हिसाब से बदलाव किया जा सके.

इस तरह के कार्यक्रमों के ज़रिए आदिवासी नौजवानों का भरोसा जीतने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि जो नौजवान इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये जाते हैं उनके साथ लगातार संपर्क रखा जाए और उन्हें एक बेहतर भविष्य बनाने के अवसर उपलब्ध हों.

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