HomeAdivasi Dailyआंध्र प्रदेश के आदिवासी इलाकों में पिछले चार महीनें में 10 शिशुओं...

आंध्र प्रदेश के आदिवासी इलाकों में पिछले चार महीनें में 10 शिशुओं की मौत

इन शिशुओं में मौत से पहले एक जैसे लक्षण देखने को मिले थे. ये सभी मृत बच्चे 115 दिन से भी कम उम्र के थे. ऐसे ही घटना साल 2021 में आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्य केरल में भी घटित हुई थी.

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के अल्लूरी सीताराम राजू ज़िले (Alluri sitaram raju district ) के एक आदिवासी इलाके में पिछले चार महीने से 10 शिशुओं की मौत (10 tribal babies dead in four month) हो चुकी है.

इन शिशुओं में मौत से पहले एक जैसे लक्षण देखने को मिले थे. ये सभी मृत बच्चे 115 दिन से भी कम उम्र के थे.
वहीं चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि केवल छह शिशुओं की मृत्यु हुई है और उनमें भी मौत के अलग-अलग कारण बताए गए है.

इन सभी मृत बच्चों में सूजन और उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिले थे.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 30 दिनों में (17 नवंबर से) पांच शिशुओं की मौत हो चुकी है.

आदिवासी शिशुओं की मौत से सिर्फ राज्य का एक ही ज़िला प्रभावित नहीं है. एक स्टडी के तहत राज्य के विजयनगरम ज़िले के आदिवासी क्षेत्रों का इन्फेंट मोर्टालिटी रेट बताता है की 1000 शिशु जन्म पर 239 शिशुओं की मौत हुई है.

दूसरी तरफ ज़िले द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया था की 1000 शिशुओं के जन्म पर 22 शिशुओं की मौत हुई है.
ग्लोबल जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ की स्टडी के आकड़े आंध्र प्रदेश के ज़िले द्वारा दी गई आदिवासी क्षेत्रों में शिशुओं की मौत के आंकड़ों से दस गुना ज्यादा है.

इस रिपोर्ट में ये भी देखा गया कि 28% शिशुओं की मृत्यु पहले दिन के भीतर, 68% की पहले सप्ताह के भीतर (पहले दिन सहित) और 81% की पहले महीने के भीतर मृत्यु हो गई.

साल 2021 में ऐसे ही लक्षण केरल के विशाखापत्तनम ज़िले के आदिवासी इलाकों में भी देखने को मिले थे.
यहां के आदिवासी बस्तियों में भी उल्टी, बुखार और सांस फूलने जैसे लक्षण देखने को मिले थे. जो शिशुओं को उनके जन्म के दो से चार महीने के अंदर पीड़ित कर रहे थे.

स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले छह महीनों में आठ शिशुओं की इस बीमारी की वजह से मौत हो गई थी.
हालात इतनी खराब हो गई थी गर्भवती महिलाएं दूसरे इलाकों में रहने लगी थी.

ऐसी स्थिति आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू में न हो इसके लिए सरकार को शिशुओं की मौत की जांच करवानी चाहिए और इस बीमारी का सही इलाज़ भी ढूंढने की जरूरत है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments