HomeAdivasi Dailyओडिशा: दो शिक्षकों ने किया नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म

ओडिशा: दो शिक्षकों ने किया नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म

ओडिशा के नबरंगपुर ज़िले में स्कूल के दो शिक्षकों द्वारा 11 साल की आदिवासी लड़की का सामूहिक बालात्कार करने का मामला सामने आया है.

ओडिशा (odisha) के नबरंगपुर ज़िले (nabarangpur) में स्कूल के दो शिक्षकों द्वारा 11 साल की आदिवासी लड़की (11 year old tribal girl) का सामूहिक बालात्कार (rape) करने का मामला सामने आया है. घटना पिछले हफ्ते 7 नवंबर की है जिसकी शिकायत 9 नवंबर को दर्ज की गई.

घटना के सामने आने के बाद ओडिशा में राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया. वहीं विपक्षी दल पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, पुलिस ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी है.

जब बच्ची ने अपने माता- पिता को पेट दर्द के बारे में बताया तो उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने यह जानकारी दी की उनकी बच्ची के साथ बालात्कार हुआ है. अभी पीड़िता का इलाज़ किया जा रहा है.

इस मामले में स्कूल के संचालक के साथ- साथ अन्य अध्यापक भी शामिल हैं. जैसे ही पीड़िता के माता-पिता को इसके बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ तुरंत पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले को भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया है. जिसमें से एक पोक्सो एक्ट भी है. मामले के पूरी जांच के बाद इसमें अन्य धाराएं भी जोड़ी जा सकता है.

इस बीच इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी, नबरंगपुर से रिपोर्ट मांगी है. ओएचआरसी ने सीडीएमओ-सह-सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी (पीएचओ) को चार हफ्ते के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है.

आयोग ने सीडीएमओ को अस्पताल में बच्ची का समुचित इलाज सुनिश्चित करने को कहा है.

ऐसी ही एक और खबर राज्य के भुवनेश्वर से आई थी. जहां चार साल की नाबलिग बच्ची के साथ सोमवार को बालात्कार किया गया. इस मामले में शामिल आरोपी का नाम सुरेंद्र दास बताया जा रहा है.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची को सुरेंद्र दास के साथ देखा गया था. जो चॉकलेट के बहाने बच्ची को साथ में ले गया और उसका बालात्कार किया.

जब बच्ची के माता पिता द्वारा उसे ढूंढा गया. तब बच्ची के माता पिता को उसकी लाश आरोपी के बिस्तर के नीचे मिली.

लगातर आ रही दुष्कर्म की ये खबरें न सिर्फ आदिवासी महिलाओं के सुरक्षा पर सवाल उठाती है बल्कि राज्य की हर महिला की सुरक्षा पर सवाल उठाती है.

आदिवासी समाज में मूलभूत सुविधा के लिए संघर्ष किया जा रहा है. एक ओर आदिवासी परिवार अपने बच्चों को आगे बढाना चाहता है तो दूसरी ओर छात्राओं के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाएं इन आदिवासी परिवारों को चिंता में डाल सकती है. जो अपने बच्चों को भविष्य में सफल देखना चाहते हो क्योंकि स्कूलों को बच्चों के लिए एक सुरक्षा का स्थान माना गया है.

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