HomeAdivasi Dailyउत्तराखंड: सड़कों से जुड़ेंगे 100 से अधिक जनसंख्या वाले आदिवासी क्षेत्र

उत्तराखंड: सड़कों से जुड़ेंगे 100 से अधिक जनसंख्या वाले आदिवासी क्षेत्र

15 नवंबर यानी जनजातीय गौरव दिवस के दिन प्रधानमंत्री ने पीवीटीजी के विकास के लिए एक योजना या मिशन की घोषणा की थी. अब इस योजना पर उत्तराखंड में काम शुरु हो चुका है.

आदिवासी इलाकों में साफ पानी, पक्की सड़क, स्कूल, अस्पताल होना आदिवासियों के लिए एक बड़ी बात है. क्योंकि आदिवासी इलाकों में इन बुनियादी सुविधा का काफी लंबे समय से आभाव है.

सरकार ने आदिवासी इलाकों में सड़कों की समस्यों को देखते हुए 15 नवंबर 2023 यानी जनजातीय गौरव दिवस के दिन प्रधानमंत्री ने 24,000 करोड़ रुपये की एक योजना की घोषणा की थी.

इस योजना का नाम पीएम जनमन यानी प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान(PM JANMAN- Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan) है.

इस योजना में जनजातियों वाले क्षेत्रों के बड़े शहरों के साथ सड़कों के द्वारा जोड़ने के साथ ही कई ओर सुविधाएं भी दी जाएंगी.

इस योजना के अंतर्गत बनने वाले सड़कों के लिए काम भी शुरु हो गया है और उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) की नोडल एजेंसी उत्तराखंड रूरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी (Uttarakhand Rural Roads Development Agency – URRDA) को सड़क और पुलों के निर्माण का काम सौंपा गया है.

जिसके अंतर्गत दो किमी से लेकर 13 किमी तक की सड़क बनाई जाएगी.

पीएम ग्राम सड़क योजना (PM Gram Sadak Yojana) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने यह बताया है कि इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में प्रथम चरण में देहरादून ज़िले की हसनपुर, हरिद्वार की जसपुर चमरिया, चंपावत की खिर्दवाड़ी और पिथौरागढ़ की छिपला जैसे जगहों के सड़कों को अलग-अलग मार्गों से जोड़े जाने के लिए चुना गया है.

उन्होंने कहा है कि इन ज़िलों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए चार सड़कें और आठ पुल बनाई जाएंगी.

जिसके लिए डीपीआर ने सड़के बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. जो जल्दी ही स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी जाएगी.

सलउत्तराखंड में पांच जनजातियां निवास करती है. उनमें भोटिया, थारू, जौनसारी, बोक्सा और राजी जनजाती शामिल है.

इनमें से 3 जनजातियों को साल 1967 में अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया है.

बाकी 2 जनजाती यानी बोक्सा और राजी जनजातियों को पीवीटीजी यानी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह में शामिल किया गया था.

पीएम जनमन योजना

पीएम जनमन योजन को पीवीटीजी के विकास के लिए बनाया गया है. इस योजन का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है.

पीएम जनमन मिशन की घोषणा बजट 2023-24 में की गई थी. इस मिशन को 9 मंत्रालयों के 11 हस्तक्षेपों के अभिसरण के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है.

इसमें पीएमजीएसवाई, पीएमजीएवाई, जल जीवन मिशन आदि के तहत इन दूरस्थ बस्तियों को कवर करने के लिए कुछ योजना मानदंडों में ढील दी जाएगी.

जिन जनजातियों को इस मिशन से लाभ मिलेगा वो जनजातियां ज्यादातर घने जंगलों में रहती हैं जहां तक पहुंचना आसान नहीं है.

इसी कारण उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई गई है.

इस मिशन के द्वारा जनजातीय इलाकों में सड़क और टेलिकॉम कनेक्टिविटी, बिजली, हाउसिंग, साफ पेयजल और सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

इसके साथ ही पीएम जेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन , टीबी उन्मूलन, शत-प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण, पीएम जन धन योजना आदि के लिए अलग से संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी.

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