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पिछले 5 वर्षों में 1.7 करोड़ से अधिक आदिवासी छात्रों को प्री, पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप दी गई – सरकार

एसटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप कक्षा 9-10 के उन छात्रों को कवर करती है जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है. इस स्कॉलरशिप में केंद्र से 75 प्रतिशत और राज्य से 25 प्रतिशत (उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत और राज्य का 10 प्रतिशत) का योगदान है.

केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों के नामांकन में 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बुधवार को राज्यसभा में ये दावा किया है केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने… उन्होंने बताया कि 2014-15 से 2021-22 के बीच लड़कियों के नामांकन में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अनुसूचित जाति (एससी) की लड़कियों के लिए यह आंकड़ा 50 प्रतिशत है.

उनके मुताबिक इस अवधि में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए नामांकन वृद्धि दर 44 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए 65 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद आदिवासी छात्राओं के नामांकन में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

वहीं केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्र ने पिछले पांच वर्षों के दौरान 1 करोड़ 3 लाख 34 हज़ार 708 (1.03 करोड़) अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप प्रदान की है.

इस अवधि के दौरान 68 लाख 74 हज़ार 363 (68.74 लाख) अनुसूचित जनजाति के छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप प्रदान की गईं.

बिश्वेश्वर टुडू ने उच्च सदन को बताया कि पिछले पांच वर्षों में 11 हज़ार 925 अनुसूचित जनजाति के छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए नेशनल स्कॉलरशिप प्राप्त की. जबकि 13 हज़ार 326 ने उच्च शिक्षा के लिए नेशनल फेलोशिप प्राप्त की.

उन्होंने कहा कि नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम को 170 छात्रों तक बढ़ाया गया है.

एसटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप कक्षा 9-10 के उन छात्रों को कवर करती है जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है. इस स्कॉलरशिप में केंद्र से 75 प्रतिशत और राज्य से 25 प्रतिशत (उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत और राज्य का 10 प्रतिशत) का योगदान है.

एसटी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप कक्षा 11 और उससे ऊपर के उन छात्रों को कवर करती है जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है.

एसटी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए नेशनल स्कॉलरशिप स्कीम माता-पिता की 6 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले एसटी छात्रों के लिए विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में ग्रेजुएशन/पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स का समर्थन करती है.

एसटी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए नेशनल फ़ेलोशिप स्कीम भारत में एमफिल या पीएचडी करने वाले मेधावी छात्रों की सहायता करती है, जो हर साल 750 नई फ़ेलोशिप प्रदान करती है.

नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप विदेश में टॉप 1000 वर्ल्ड-रैंकिंग यूनिवर्सिटी में मास्टर डिग्री, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च के लिए सालाना 20 छात्रों को प्रायोजित करती है.

यह उन आदिवासी छात्रों के लिए उपलब्ध है जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं है.

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